MalayalamEnglishKannadaTeluguTamilBanglaHindiMarathi
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • KEA 2025
  • Home
  • States
  • Uttar Pradesh
  • वाराणसी से नई दिल्‍ली तक चलेगी बुलेट ट्रेन, अब चंद घंटों में होगा 865 किमी का सफर, ये चल रही तैयारी

वाराणसी से नई दिल्‍ली तक चलेगी बुलेट ट्रेन, अब चंद घंटों में होगा 865 किमी का सफर, ये चल रही तैयारी

वाराणसी  Uttar Pradesh() । नई दिल्‍ली से वाराणसी तक बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी। रेलवे सूत्रों के अनुसार प्रयागराज और अयोध्‍या से होते हुए हाईस्‍पीड रूट का भी सर्वे होना है। बुलेट ट्रेन इन महत्‍वपूर्ण स्‍थलों से भी होकर गुजर सकती है। अयोध्या में बुलेट ट्रेन चलने की खबर के बाद साधु-संतों ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद कहा है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 14 2020, 01:37 PM
2 Min read
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
15
Asianet Image

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन नई दिल्ली से वाराणसी (लगभग 865 किलोमीटर) तक का लंबे ट्रैक की यह दूरी महज चंद घंटों की रह जाएगी। साथ ही केन्द्र सरकार ने दिल्ली और वाराणसी कॉरिडोर में उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों को जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है।
(प्रतीकात्मक फोटो)

25
Asianet Image


तीन साल पहले रेल प्रशासन ने दिल्ली से वाराणसी 800 किमी की दूरी के लिए बुलेट ट्रेन चलाने का फैसला लिया था। रेलवे परंपरागत तरीके से सर्वे कराता तो इसमें सवा से डेढ़ साल का समय लगता पर लिडार तकनीक से हवाई सर्वे में बमुश्किल 12-15 सप्ताह ही लगेंगे। 
(प्रतीकात्मक फोटो)

35
Asianet Image


दिल्ली वाराणसी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर की डिटेल प्रोजक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए हेलीकॉप्टर पर लेजर सक्षम उपकरणों का उपयोग किया गया है। एक तरह से सर्वे की यह आधुनिक तकनीक है।
(प्रतीकात्मक फोटो)

45
Asianet Image


रेलवे अधिकारी ने बताया कि हवाई सर्वे में घनी आबादी वाले शहरी और ग्रामीण इलाके, राजमार्ग, सड़क, घाट, नदियां, हरे-भरे खेत और जंगल बाधक नहीं बनते हैं। परंपरागत सर्वे में ये सभी चीजें बाधक रहती है।   
(प्रतीकात्मक फोटो)

55
Asianet Image

बता दें कि भारतीय रेल में लिडार तकनीक का पहली बार इस्तेमाल इसकी सटीकता की वजह से मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर में किया गया था। इस तकनीक के सर्वे में बमुश्किल 12 सप्ताह का समय लगा। लेकिन, अगर इस ट्रैक का पारंपरिक तरीकों से सर्वे किया जाता तो सवा साल का समय लगता। अब इस तकनीक का उपयोग दिल्ली-वाराणसी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर के सर्वे में किया जा रहा है। इसका प्राथमिक हवाई सर्वे हो भी चुका है।
(प्रतीकात्मक फोटो)

Asianet News Hindi
About the Author
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है। Read More...
 
Recommended Stories
Top Stories