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UP में कोरोना से नहीं बल्कि इस बीमारी से हुई चमगादड़ों की मौत, वैज्ञानिकों ने कही ये बात
लखनऊ(Uttar Pradesh). पूर्वांचल के कई जिलों में हो रही चमगादड़ों की मौत से सनसनी फैल गई है। लोग इसे कोरोना वायरस से जोड़कर देख रहे हैं। वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि पूर्वांचल में हुई चमगादड़ों की मौत से दहशत में आने की जरूरत नहीं है। इनकी मौत का कोरोना वायरस से कोई भी रिश्ता भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली ने खारिज कर दिया है। IVRI ने बताया कि चमगादड़ों की मौत की वजह कोरोना नही बल्कि ब्रेन हैमरेज है।
| Published : May 29 2020, 08:55 AM IST / Updated: May 29 2020, 09:10 AM IST
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गोरखपुर में दो दिन पहले 26 मई को दर्जनों की संख्या में चमगादड़ों की हुई मौत से सनसनी फैल गई थी। ये मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि पूर्वांचल के जौनपुर, बलिया समेत कुछ और जिलों से चमगादड़ों की मौत की खबरें आ गईं।
चमगादड़ों की मौत को कोरोना वायरस से जोड़कर देखा जाने लगा। बर्ड फ्लू एक दूसरा कारण चर्चा में आ गया है। दोनों बीमारियों के नाम पर लोगों में दहशत फ़ैल गई। लेकिन IVRI की जांच में ये सभी संभावनाएं सिरे से खारिज कर दी गई हैं।
IVRI बरेली के निदेशक डॉ. आरके सिंह ने ने मीडिया को बताया कि चमगादड़ों की मौत के पीछे कोरोना वायरस कारण नहीं है। चमगादड़ों के पोस्टमॉर्टम से इसका खुलासा हो गया है। चमगादड़ों में कोरोना वायरस नहीं पाया गया है। रेबीज की भी जांच की गई है लेकिन, पोस्टमॉर्टम में मौते के पीछे न तो कोरोना वायरस और ना ही रेबीज कारण पाया गया है।
संस्थान के निदेशक डॉ. आरके सिंह के मुताबिक पोस्टमॉर्टम से साफ हो गया है कि चमगादड़ों की मौत ब्रेन हैमरेज के कारण हुई है। तेज गर्मी के कारण ऐसा हुआ होगा। पिछले दिनों पूर्वांचल में एकाएक तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पास पहुंच गया था। ऐसे में गर्मी के कारण ब्रेन हैमरेज होने से चमगादड़ों की मौत हुई होगी। फिलहाल और जांचें जारी हैं। इनकी मौत के पीछे बर्ड फ्लू की भी कोई संभावना नहीं है।
डॉ. आरके सिंह ने ये भी बताया कि चमगादड़ों की इम्यूनिटी (शरीर की प्रतिरोधक क्षमता) इतनी ज्यादा होती है कि उन्हें कोई पैथोजन (वायरस या बैक्टीरिया) मार नहीं सकता है। ये वायरस या बैक्टीरिया के कैरियर भले ही हो सकते हैं लेकिन, इनका खुद चमगादड़ों पर कोई असर नहीं होता है।