इन पेड़ों की पूजा करने और जल चढ़ाने से दूर हो सकती हैं हमारी परेशानियां
उज्जैन. पेड़ हमारे जीवन का आधार हैं। हिंदू धर्म में पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का वास माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में भी ग्रहों की स्थिति को अनुकूल बनाने के लिए पेड़ों का पूजन बताया जाता है। हिंदू धर्म में कुछ पेड़-पौधों को देव वृक्ष माना जाता है। मान्यता है कि यदि इन वृक्षों का पूजन किया जाए तो उससे संबंधित देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और आपके जीवन की परेशानियां दूर होती हैं। आगे जानिए किस पेड़-पौधे का पूजन करने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है…
| Published : Sep 24 2021, 10:07 AM IST
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तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय हैं। जिन घरों में प्रतिदिन सुबह शाम तुलसी में दीपक जलाकर जल चढ़ाया जाता है और तुलसी पूजन किया जाता है वहां विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। ऐसे घरों में हमेशा धनधान्य बना रहता है। आंवला सेहत के लिए तो फायदेमंद होता ही है इसके अलावा एकादशी तिथि को आंवला वृक्ष का पूजन करने से भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है। आंवला नवमी के दिन आंवला के वृक्ष का पूजन विशेष फलदाई रहता है।
केले के वृक्ष का संबंध बृहस्पतिदेव और भगवान विष्णु से माना गया है। गुरुवार को केले के पेड़ के नीचे शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए और जल में चुटकी भर हल्दी मिलाकर केले की जड़ में अर्पित करना चाहिए। इससे आपका बृहस्पति मजबूत होता है और भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है। आपके घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। जिनके विवाह में बाधा आ रही है वह भी दूर होती है।
बरगद और बेल के वृक्ष में भगवान शिव का वास माना जाता है। बेलपत्र भगवान शिव को अति प्रिय है यदि श्रद्धा से एक बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित कर दिया जाए तो भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के जीवन के कष्टों को दूर करते हैं। बिल्व के वृक्ष के नीचे शिवलिंग रखकर पूजन करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है। प्रत्येक महीने में दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को बरगद की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है।
शमी के वृक्ष का पूजन करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। प्रत्येक शनिवार के दिन शमी के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा शमी के पत्ते अर्पित करने से शिव जी भी प्रसन्न होते हैं।