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पाई-पाई को मोहताज हुआ ये मशहूर गीतकार, शख्स के जवान बेटे-बहू की मौत की कहानी सुनकर हर कोई रोया
मुंबई. एक प्यार का नगमा है.., जिंदगी की ना टूटे लड़ी.., मैं ना भुलूंगा.., मोहब्बत है क्या चीज.., मेघा रे मेघा... जैसे सुपरहिट गाने लिखने वाले गुजरे जमाने की मशहूर गीतकार संतोष आनंद (santosh anand) इन दिनों आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। पाई-पाई को मोहताज संतोष आनंद ने अपनी लाइफ में दो फिल्मफियर अवॉर्ड भी जीते। बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए इतना सबकुछ करने के बावजूद वे आज गुमनामी की जिंदगी गुजार रहे हैं। शनिवार को सिंगिग रियलिटी शो इंडियन आइडल 12 (indian idol 12) में पहुंचे संतोष आनंद ने अपनी जिंदगी और बेटे-बहू की मौत की कहानी सुनाई, जिसे सुनकर हर कोई फूट-फूटकर रोया।
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संतोष आनंद को बतौर गेस्ट शो में बुलाया गया था। उनके आते ही पूरा माहौल गमगीन हो गया। हर कोई उनकी जिंदगी की दास्ता सुनकर हैरान हुआ।
संतोष जी के बेटे संकल्प ने 2014 में ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड कर लिया था। संकल्प के साथ उनकी पत्नी ने भी अपनी जान दे दी थी, जिसके बाद संतोष आनंद पूरी तरह से टूट गए। फिलहाल है अपनी पोती के साथ रहते हैं।
रिपोर्ट्स की मानें तो शादी के 10 साल बाद संतोष आनंद के यहां बेटा हुआ था, जिसका नाम उन्होंने संकल्प रखा था। संकल्प, गृह मंत्रालय में आईएएस अधिकारियों को सोशियोलॉजी और क्रिमिनोलॉजी पढ़ाते थे। वो काफी समय से मानसिक रूप से परेशान था। संकल्प ने आत्महत्या से पहले 10 पेज का सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें होम डिपार्टमेंट के कई सीनियर अधिकारी और डीआईजी का नाम शामिल था। संकल्प ने आरोप लगाया था कि करोड़ों के फंड में गड़बड़ी के चलते इन अधिकारियों ने उन्हें सुसाइड के लिए मजबूर किया था।
संतोष आनंद ने शो में कहा- सालों बाद मुंबई में आया हूं। अच्छा लग रहा है। रात-रात भर जागकर मैंने गीत लिखे। मैंने गीत नहीं लिखे बल्कि अपने खून से कलेजे से लिखे हैं। आज मुझे ऐसा लगता है कि मेरे लिए तो दिन भी रात हो गया है। मैं जीना चाहता हूं।
संतोष आनंद का जन्म बुलंदशहर के सिकंदराबाद में हुआ था। उन्होंने फिल्म पूरब और पश्चिम' से अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने अपना पहला गाना एक प्यार का नगमा है लिखा था, जो 1972 की फिल्म शोर में सुना गया था। इस गाने को मुकेश और लता मंगेशकर ने गाया था और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी ने इसे कंपोज किया था।
शो में संतोष आनंद की सच्चाई सुनकर जज नेहा कक्कड़ फूट-फूटकर रोई। नेहा ने कहा कि आपके लिखे हुए गीतों से हमने प्यार करना सीखा है।
इस दौरान भावुक होकर नेहा ने संतोष जी को 5 लाख रुपए की मदद दी, लेकिन उन्होंने लेने से मना कर दिया। फिर नेहा ने कहा- मैं अपनी ओर से आपको 5 लाख रुपए की मदद करना चाहती हूं। आप ये समझकर रख लीजिए कि आपकी पोती की तरफ से हैं। नेहा की बात सुनकर संतोष जी रुपए लेने के लिए तैयार हुए।
एक महान गीतकार की ऐसी हालत देखकर इस सीजन के सभी कंटेस्टेंट्स की आंखें भर आईं। फिर वो अरुणिता कांजीलाल हों, शनमुख प्रिया हों, नचिकेत लेले या फिर सिरीशा भागवातुला, हर किसी की आंखें नम थी।