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जिस इंटरनेट के बिना अब एक दिन रह पाना मुश्किल, उसकी इस तरह हुई थी देश में शुरुआत : Kbps से Gbps तक का पूरा सफर
ट्रेंडिंग डेस्क. इंटरनेट आज हमारे जीवन का एक अहम अंग बन चुका है। बिना इंटरनेट के अब एक दिन बिताना भी मुश्किल सा हो जाता है। केवल मनोरंजन ही नहीं डिजिटल लेनदेन से लेकर हर तरह के कम्युनिकेशन में इसका इस्तेमाल हो रहा है। देश के कई शहरों में अब 5जी सेवा भी शुरू हो चुकी है। पर क्या आप जानते हैं कि भारत में इंटरनेट के सफर की शुरुआत कहां से हुई थी? आइए जानते हैं इन 5 स्लाइड्स में...
| Published : Jan 06 2023, 09:45 AM IST / Updated: Jan 06 2023, 10:25 AM IST
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भारत में इंटरनेट की शुरुआत
यूं तो भारत में मोबाइल इंटरनेट से पहले ब्रॉडबैंड व डाइलअप इंटरनेट की शुरुआत हुई थी। 15 अगस्त 1995 को भारत सरकार ने विदेश संचार निगम लिमिटेड के माध्यम से ब्रॉडबैंड सर्विस की शुरुआत की। इसकी स्पीड 256 kbps थी। इसके बाद 1998 में निजी टेलीकॉम कंपनियों को इंटरनेट प्रदान करने के लिए लाइसेंस देने की व्यवस्था शुरू की गई। धीरे-धीरे कई निजी कंपनियों ने 2जी इंटरनेट सर्विस देना प्रारंभ कर दिया।
भारत में 2G
भारत में 2जी इंटरनेट की शुरुआत 1995 में हुई थी। तब ये केवल चुनिंदा शहरों में उपलब्ध था। उस दौर में 2जी इंटरनेट की स्पीड 256 kbps थी और जिसमें डाउनलोड और अपलोड की अधिकतम स्पीड 64kbps थी। 1998 से 2000 के बीच इसकी वजह से कलर स्क्रीन वाले मोबाइलों की डिमांड बढ़ी, जिनसे टेक्स्ट मैसेज के साथ-साथ पिक्चर, वॉइस या मल्टीमीडिया मैसेज आसानी से भेजा जा सकता था। बशर्ते सामने वाले के पास भी मल्टीमीडिया फोन हो। हालांकि, ये स्पीड लाइव स्ट्रीमिंग या वीडियो कॉल के लिए पर्याप्त नहीं थी।
2G से 3G तक का सफर
2जी से 3जी तक पहुंचने में देश को 14 साल लग गए। 2009 में भारत में 3जी सर्विस शुरू हुई। 3जी सर्विसेज के आते ही फ्रंट कैमरे वाले मोबाइल फोन्स का चलन तेजी से बढ़ा। कई कंपनियों ने थ्रीजी सिम के साथ अपने फ्रंट कैमरे वाले फोन ऑफर करने शुरू कर दिए। इसकी डाटा ट्रांसफर स्पीड 21 Mbps थी और अपलोड स्पीड 5.7 Mbps थी, जो 2जी से कई गुना ज्यादा थी। इसी के साथ भारत में मोबाइल इंटरनेट यूजर्स तेजी से बढ़े। एंड्रॉयड मोबाइल फोन्स की डिमांड तेजी से बढ़ने लगी। 3जी नेटवर्क पर वीडियो कॉलिंग, वीडियो स्ट्रीमिंग, लाइव टीवी आदि का लोग मजा लेने लगे।
भारत में 4G
3जी लॉन्च के लगभग 6 साल बाद 2015 में 4जी सर्विस शुरू हुई। 4जी नेटवर्क मोबाइल व इंटरनेट के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति लेकर आया। भारत के यूजर्स इस वक्त तक पूरी तरह से 3जी में शिफ्ट भी नहीं हुए थे और 4जी लोगों के बीच आ चुका था। ये 3जी इंटरनेट से 5 से 10 गुना ज्यादा तेज रहा। इसमें इंटरनेट की स्पीड 100 Mbps से भी ऊपर मिलने लगी। 4जी के आने से मोबाइल व लैपटॉप कंपनियों ने हाई एंड डिवाइस बनाना शुरू कर दिया। अब मोबाइल पर टीवी देखना, लाइव गेमिंग, लाइव स्ट्रीमिंग, हैवी डाउनलोड जैसी चीजों आम हो गई थीं। 3जी नेटवर्क में लाइव टीवी के दौरान लोगों को बफरिंग की समस्या होती थी पर 4जी में ऐसा नहीं था।
और अब 2022 में 5जी
2022 में अबतक की सबसे तेज मोबाइल इंटरनेट सर्विस 5जी लॉन्च हो चुकी है। Kbps से Gbps तक के इस सफर में इंटरनेट स्पीड के साथ इंटरनेट यूजर्स की तादाद भी कई गुना तेजी से बढ़ी है। भारत सरकार भी डिजिटल इंडिया मुहिम के तहत 5जी के विस्तार को बढ़ावा देने का काम करती रही। स्वतंत्रता दिवस के भाषण में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 5जी सेवा को विस्तार दिए जाने की बात कही थी। वे लगातार देश में डिजिटल क्रांति को बढ़ावा देते आ रहे हैं। फिलहाल 5जी सर्विस देश के कुछ प्रमुख शहरों में शुरू की गई है और जल्द ही पूरे देश में शुरू हो जाएगी। बात करें स्पीड की तो 5th Generation मोबाइल इंटरनेट यानी 5जी की रफ्तार 4जी से दस गुना ज्यादा है। यानी यूजर्स को 5जी इंटरनेट पर 10 GBPS (10 गीगाबाइट्स प्रति सेकंड) की रफ्तार मिलेगी, जिसमें एक जीबी की फिल्म डाउनलोड करने में महज 7 सेकंड लगेंगे।
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