MalayalamEnglishKannadaTeluguTamilBanglaHindiMarathi
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • KEA 2025
  • Home
  • Viral
  • इन 6 फसलों की खेती कर लाखों रुपए कमा सकते हैं किसान, इंटरनेशनल मार्केट में भी रहती है डिमांड

इन 6 फसलों की खेती कर लाखों रुपए कमा सकते हैं किसान, इंटरनेशनल मार्केट में भी रहती है डिमांड

ट्रेंडिंग डेस्क. किसान (farmer) अपनी आमदमी ( farmer's income) बढ़ाने के लिए कई तरह की एक ही सीजन में कई तरह की फसलों का उप्तादन करता है। देश के अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग फसलों की खेती (cultivation of crops) की जाती है। जिस कारण से किसान को फसल से मुनाफा होता है। इन फसलों से किसानों को भारत में कई ऐसी फसलें भी हैं जिनकी खेती करके किसान बहुत अच्छी कमाई कर सकते हैं। इन फसलों की खेती की डिमांड हमेशा रहती है। कई फसलें ऐसी होती हैं कि उनकी कीमत हजारों में होती है। आइए जानते हैं उन फसलों के बारे में जो उत्पादन देने के साथ-साथ किसानों के लिए इनकम का बड़ा जरिया बन सकती हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 15 2022, 11:54 AM
3 Min read
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
16
Asianet Image

चंदन 
आपने फिल्म पुष्पा देखी होगी। इस फिल्म में चंदन की खेती के बारे में बताया गया है। चंदन एक प्रकार का खुशबूदार पौधा होता है और इसमें 20 तरह की प्रजातियां पाई जाती हैं। चंदन की खेती सबसे ज्यादा गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में होती है। इस खेती के जरिए बहुत ही अच्छी कमाई होती है। लगभग लाखों करोड़ों रुपए तक की कमाई कर सकते हैं। चंदन की खेती को करने के लिए वन विभाग से लाइसेंस लेना पड़ता है। चंदन का प्रयोग धार्मिक कार्यों में किया जाता है। इसी के साथ औषधि बनाने के लिए और परफ्यूम बनाने के लिए होता है।

26
Asianet Image

एलोवेरा
एलोवेरा के एक पौधे से 3.5 किलो तक पत्ते मिलते हैं और एक पत्ते की कीमत 5 से 6 रुपये तक होती है। वैसे औसतन एक पौधे पत्ते 18 रुपये तक में बिक जाते हैं। ऐसे में किसान 40 हजार रुपये का निवेश करके सवा दो लाख रुपये तक की कमाई कर सकता है। यानी एलोवेरा की खेती से कुल 5 गुना फायदा कमाया जा सकता है। एलोवेरा की डिमांड घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजार में है। इसकी बड़ी वजह उसका उपयोग है। एलोवेरा का उपयोग चिकित्सा और कॉस्मेटिक प्रॉडक्ट में किया जाता है। ऐसे में जो लोग इसकी खेती करते हैं वह अच्छा प्रॉफिट कमाते हैं।
 

36
Asianet Image

ईसबगोल 
किसान ईसबगोल की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी विभिन्न किस्मों की प्रति हेक्टेयर औसतन पैदावार करीब 10 से 12 क्विंटल होती है। इसके अलावा दानों से मिलने वाली भूसी करीब 20  से 30  प्रतिशत मिल जाती है। इसके दानो का भाव करीब 8  हज़ार के आसपास होता है। तो वहीं भूसी का भाव भी डिमांड रहता है।

46
Asianet Image

मशरूम 
मशरूम बहुत ही ज्यादा डिमांड में है। यह एक ऐसी फसल है, जिससे 4 से 6 गुना की कमाई कर सकते हैं। मशरूम की डिमांड बढ़ती ही जा रही है, और उस हिसाब से मशरूम का उत्पादन हो नहीं पा रहा है। अगर आप इस बिजनेस को शुरू करेंगे तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। खेती के लिए बटन मशरूम, ऑयस्टर मशरूम और धान स्ट्रॉ उपयोग किए जाने वाले तीन प्रमुख प्रकार हैं। धान के पुआल मशरूम 35-40 डिग्री सेल्सियस के तापमान में बढ़ सकते हैं। दूसरी ओर ऑयस्टर मशरूम उत्तरी मैदानों में उगाए जाते हैं जबकि बटन मशरूम किसी भी मौसम में उग सकते हैं। इन मशरूम को विशेष बेड में उगाया जाता है जिसे कम्पोस्ट बेड के रूप में जाना जाता है।

56
Asianet Image

शुगर फ्री आलू 
शुगर फ्री आलू की मार्केट में कीमत 80 से 100 रुपए प्रति किलो की होती है, जो आम आलू की तुलना में 4 से 5 गुना ज्यादा है। ऐसे में किसानों को आम आलू की तुलना में शुगर फ्री आलू उगाने से कई गुना फायदा हो सकता है। भारत के कई ऐसे राज्य हैं जहां पर शुगर फ्री आलू की खेती की जाती है। इसमें हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, झारखंड और उत्तर प्रदेश शामिल है। वैसे आलू की खेती कहीं पर भी कर सकते हैं जहां पर आप सामान्य आलू की खेती किया करते हैं।

66
Asianet Image

अश्वगंधा की खेती
अश्वगंधा की खेती से किसान मोटी कमाई कमाई कर सकते हैं। अश्वगंधा एक बहुवर्षीय पौधा है। इसके फल, बीज और छाल का उपोयग विभिन्न दवाइयों को बनाने में किया जाता है। सभी जड़ी-बूटियों में सबसे अधिक प्रसिद्ध अश्वगंधा ही है। वैसे तो कृषि वैज्ञानिक इसकी बुवाई के लिए अगस्त के महीने को ज्यादा सही मानते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में जब सितंबर और अक्टूबर में बारिश की गतिविधियां कम हो जाती हैं तब किसान इसकी बुवाई करते हैं।

Asianet News Hindi
About the Author
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है। Read More...
 
Recommended Stories
Top Stories