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जयपुर बारिश की दर्दभरी कहानियां: 5 फीट नीचे मिट्टी में दफन मिला शव, तो कहीं 3 दिन से नहीं मिला खाना
जयपुर (राजस्थान). राजधानी जयपुर में शुक्रवार को बारिश ने इस तरह तबाही मचाई थी कि तीन दिन बीत जाने के बाद भी लोगों का दर्द कम नहीं हो रहा है। कई इलाकों में अभी भी पानी और मलबा जमा हुआ है। ऐसे में एसडीआरएफ की टीम द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलाए जा रहे हैं। इस दौरान पुलिस को मिट्टी हटाने के बाद तीन युवकों के शव मिले हैं। वहीं करीब 30 घंटे बाद एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई। जहां एक युवक का शव पानी का बहाव उतरने के बाद मिटट्टी में करीब 4 से 5 फीट अंदर दफन मिला।
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पुलिस ने बताया कि 21 वर्षीय मृतक सन्नी शुक्रवार के दिन अपने पांच दोस्तों के साथ किशनबाग के नाहरगढ़ पहाड़ के झरने पर मस्ती करने गया था। जहां वो पानी के तेज बहाव में बह गया, दोस्तों की सूचना पर मौके पर एनडीआरफ और पुलिस की टीम पहुंची थी। लेकिन शुक्रवार शाम में अंधेरा होने पर सर्च ऑपरेशन बंद हो गया था। इसके बाद दूसरे दिन जेसीबी मशीनों की मदद से उस जगह खुदवाई शुरु की। जहां पानी का बहाव खत्म होने पर मिट्टी का ढेर इकट्ठा हो गया था। यहीं मिट्टी की मोटी परतें हटाने के बाद करीब तीन से चार फीट नीचे मिट्टी में दबा युवक का शव मिला।
मृतक युवक सन्नी के दोस्तों ने बताया कि जहां पहले सन्नी नहा रहा था, वहां पर शुरूात में गहराई कम थी, लेकिन अचानाक वहां पर पानी का बहाव आया और 10 फीट तक पानी भर गया। देखते ही देखते वह डूब गया या बह गया कुछ पता नहीं चला। हम काफी देर तक उसकी तालश करते रहे, लेकिन वो कहीं भी नहीं दिखाई दिया। पुलिस ने मृतक का शव जांच करने के बाद घरवालों को सौंप दिया है।
यह तस्वीर जयपुर के निचले इलाके की है, जहां बेघर लोगों के लिए सामाजिक संस्थाएं खाना बांटने का काम कर रही हैं।
कई इलाकों में पानी भरा होने के कारण एसडीआरएफ की टीम द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलाए जा रहे हैं। इस दौरान टोंक के पीपलू थाने के अंतर्गत सहोदरी नदी में 2 व्यक्तियों शव बरामद किए गए।
बारिश को तीन दिन हो जाने के बाद अभी कई लोगों की जिंदगी पटरी पर नहीं लौट पा रही है। खासकर पहाड़ों के पास बसी गणेश पुरी कच्ची बस्ती में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। उन लोगों का खाने और रहने का संकट खड़ा रहा। ना तो उनके पास कोई छत बचा है और ना ही पेट भरने के लिए राशन, सारा का सारा सामान पानी में बह गया। ऐसे में अब प्रशासन और सामाजिक संस्थाएं उनके लिए खाना बांट रही हैं।