- Home
- States
- Rajasthan
- कुछ ऐसी है अशोक से आनंद गिरी बनने की कहानी: 12 साल की उम्र में छोड़ा घर, गांव वालों ने सुनाई हिस्ट्री
कुछ ऐसी है अशोक से आनंद गिरी बनने की कहानी: 12 साल की उम्र में छोड़ा घर, गांव वालों ने सुनाई हिस्ट्री
भीलवाड़ा (राजस्थान). अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (akhada parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Mahant Narendra Giri) का संदिग्ध हालत में सोमवार को निधन हो गया। उनका शव कमरे में पंखे से लटकता मिला। नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनके शिष्य आनंद गिरि को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। क्योंकि मंहत के सुसाइड नोट में आनंद गिरी के नाम का जिक्र है। पुलिस इस मामले में उनसे पूछताछ कर रही है। इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि राजस्थान का रहने वाला एक 12 साल का लड़का कैसे हरिद्वार जाकर बन गया स्वामी आनंद गिरी...
| Published : Sep 21 2021, 05:21 PM IST / Updated: Sep 21 2021, 05:47 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
दरअसल, आनंद गिरी का असली नाम अशोक है, और वह मूल रूप से भीलवाड़ा जिले के सरेरी गांव के रहने वाले हैं।12 साल की उम्र में वह 1997 में अपने गांव छोड़कर हरिद्वार भाग गए थे। जहां वह महंत नरेंद्र गिरी से मिले और उनको अपना गुरु बनाकर उनके चरणों में शरण ली।
नरेंद्र गिरि उनको दीक्षा दी और वह अशोक से आनंद गिरी बन गए।
बता दें कि आनंद गिरी जब से अपने घर को छोड़कर आए हैं, तब से लेकर अब तक वो सिर्फ दो बार ही गांव गए हैं। एक बार जब 2012 में महंत नरेंद्र गिरि के साथ अपने गांव भी आए थे। वहीं दूसरी बार 5 महीने पहले जब उनकी मां की मौत हो हुई थी। तब उनके अंतिम दर्शन करने के लिए अपने गांव पहुंचे हुए थे।
आनंद गिरी के गांव के लोगों का कहना है कि जब अशोक सातवीं कक्षा में पढ़ते थे, तभी से उन्होंने अपना घर त्याग दिया था। वह ब्राह्मण परिवार से हैं और उनके पिता अभी भी खेती करके परिवार को पालते हैं। जब वह पहली बार गांव आए थे तो हम उनको पहचान भी नहीं पाए थे। लेकिन जब उन्होंने परिचय दिया तो पूरे गांव के लोग भावुक हो गए। बचपन में वह बेहद शांत और शालीन स्वभाव के थे।
बता दें कि आनंद गिरी अपने परिवार के सबसे छोटे बेटे हैं। वह तीन भाई हैं और एक भाई अभी भी उनका सरेरी गांव में सब्जी का ठेला लगाता है। वहीं उनको दो भाई सूरत में एक कबाड़े की दुकान पर काम करते हैं।
अशोक से आनंद गिरी बने इस 'छोटे महाराज' का विवादों से भी पुराना नाता रहा है। उन्हें संतों की तरह नहीं बल्कि लग्जरी लाइफ पसंद है और वह ऐसी शौकीन जिंदगी जीते भी हैं। वह महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के आरोप में जेल तक जा चुके हैं। बाघंबरी मठ की गद्दी के लिए उनका नरेंद्र गिरि से विवाद चल रहा था। जिसके तहत उनपर मंहत की हत्या करने का आरोप लगा है।