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टॉयलेट में पड़ा बुजुर्ग तड़पता रहा..बेटी रो-रोकर मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन कोई आगे नहीं आया
बीकानेर, राजस्थान. यह तस्वीर कोरोनाकाल में इंसानियत को तार-तार करती है। यह बुजुर्ग कोरोना संक्रमित था। वो करीब घंटेभर टॉयलेट में यूं ही पड़ा-पड़ा तड़पता रहा, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं। उसकी मासूम बेटी गिड़गिड़ाकर लोगों से मदद मांगती रही, लेकिन किसी का दिल नहीं पिघला। आखिरकार उसने यहीं पड़े-पड़े दम तोड़ दिया। मामला बीकानेर के जिला अस्पताल का है। यह बुजुर्ग अपनी 14 साल की बेटी को लेकर अस्पताल आया था। सोमवार को बुजुर्ग टॉयलेट के लिए गया था। लेकिन काफी देर तक वो नहीं लौटा, तो बेटी उसे ढूंढ़ते हुए टॉयलेट तक पहुंची। वहां, जब उसने पिता को नीचे पड़े-पडे़ तड़पते देखा, तो रो-रोकर लोगों से मदद मांगी। लेकिन किसी ने मदद नहीं की। अस्पताल स्टाफ भी उसे हाथ लगाने को तैयार नहीं हुआ।
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बुजुर्ग की बेटी ने कहीं से मदद नहीं मिलने पर अपनी मां को फोन किया। मां ने अपने मकान मालिक से मदद मांगी। मकान मालिक ने सीएमएचओ को कॉल किया। सीएमएचओ ने अस्पताल के सुपरिटेंडेंट को बोला। लेकिन कोई मरीज को हाथ लगाने तैयार नहीं हुआ। इसके बाद मकान मालिक ने कलेक्टर को फोन किया। इस तरह करीब घंटेभर बाद लोग मरीज की मदद को आगे आए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बेटी भी पॉजिटिव है, लिहाजा उसे कोविड सेंटर भेजा गया है। आगे देखिए कुछ रियल कोरोना वॉरियर्स की तस्वीरें, जो शायद लोगों को सोचने पर विवश कर दें..
यह तस्वीर पिछले दिनों नई दिल्ली से सामने आई थी। ये होते हैं असली कोरोना वॉरियर्स। यह शख्स गर्मी से बेहोश होकर गिर पड़ा था। कोई मदद को आगे नहीं आया, लेकिन पुलिस ने अपना फर्ज निभाया।
मुंबई के धारावी में कोविड-19 की टेस्टिंग के बाद एक बुजुर्ग को बाहर तक छोड़ने जाते कोरोना वॉरियर्स।
नई दिल्ली में घर वापसी के लिए जाते लोगों की सामान उठवाने में हेल्प करती पुलिस।
नोएडा में प्रवासी मजदूरों की आर्थिक मदद करता एक शख्स।