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कांस्टेबल रतन लाल की शहादत को सलाम करने उमड़ा पूरा गांव, 7 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि
सीकर (राजस्थान). शहीद के दर्जे की घोषणा के बाद राजस्थान के सपूत हेड कांस्टेबल रतन लाल का अंतिम संस्कार बुधवार को उनके पैतृक गांव तहावली में किया गया। उनके सात साल के बेटे राम ने उनको मुखाग्नि दी। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए दूर-दूर से लोग आए हुआ थे। हर तरफ 'शहीद रतन लाल अमर रहे' के जयकारों की गूंज सुनाई दे रहे थे। बता दें कि सीएए को लेकर दिल्ली के कई इलाकों में चल रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच सोमवार को रतन लाल की मौत हो गई थी।
| Updated : Feb 26 2020, 05:42 PM
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शहीद की शवयात्रा में हजारों लोग शामिल हुए थे। हर तरफ जन सैलाब ही दिखाई दे रहा था। इस दौरान भारत माता के नारों से पूरा गांव गूंज उठा। अंतिम संस्कार में पहंचे सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने कहा-सरकार ने उनकी मांग मान ली हैं। रतन लाल को शहीद का दर्जा दिया जाएगा।
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अंतिम संस्कार से पहले रतनलाल को शहीद का दर्जा देने जाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने उनकी पार्थिव देह रोककर प्रदर्शन किया था।
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शहीद रतन लाल की शवयात्रा में हजारों लोग शामिल हुए थे। उनकी अंतिम यात्रा में हर आंख दिखी नम थी। हर कोई अपने इस वीर सपूत को नमन कर रहा था। कोई उनके आखिरी दर्शन पास से कर रहा था तो कई लोग दूर टीले पर बैठकर उनको देख रहे थे।
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सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने कहा-सरकार रतन लाला की पत्नी पूनम को सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपए देने की घोषणा की है। इसके साथ उनके तीनों बच्चों की पढ़ाई का खर्चा भी दिया जाएगा। इसके साथ ही मंगलवार को हैड कांस्टेबल को दिल्ली पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि दी थी। गृह मंत्री अमित शाह ने रतन लाल की पत्नी पूनम को पत्र लिखकर कहा- आपके पति बहुत बहादुर थे।
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कांस्टेबल के भाई दिनेश ने बताया कि भैया रतन लाल जिस दिन शहीद हुई उस दिन उनका सोमवार का व्रत था। इसलिए वे 11 बजे घर से ड्यूटी के लिए रवाना हुए थे। हालांकि उस दिन उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। इसके बावजूद भी वह ड्यूटी पर गए थे।
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बता दें कि जवान की पत्नी पूनम ने दो दिन से खाना नहीं खाया है। वह पति की फोटो देखकर रो रही है। आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। वह बार-बार बेहोश हो जाती है। जब कोई उसको कुछ खाने को कहता तो उसका जवाब आता है - वो (रतन लाल) जब आएंगे तब उनके साथ खाना खाऊंगी।
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कांस्टेबल रतन लाल ने 22 फरवरी को पत्नी और तीन बच्चों के साथ शादी की सालगिरह मनाई थी। लेकि दो दिन बाद उनकी मौत हो गई। जवान की पत्नी पूनम बार-बार शादी की सालगिरह वाली बात को याद करके रो रही है।
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रतन लाल मूलरूप से राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे। वह वर्ष 1998 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे। फिलहाल वो दिल्ली के गोकुलपुरी सब डिवीजन के एसीपी अनुज के ऑफिस में तैनात थे।
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रतन लाल की दो बेटियां सिद्धि (13), कनक(10) और बेटा राम (5) पीछे छोड़ गए हैं। तीनों बच्चे एनपीएल स्थित दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल में पढ़ाई करते हैं।
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साल 2004 में जयपुर की रहने वाली पूनम से उनका विवाह हुआ था।