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दादा की आखिरी इच्छा के लिए पोते ने लॉकडाउन में की शादी, न चाहकर भी दूल्हा-दुल्हन को लेने पड़े 7 फेरे
जोधपुर. कोरोना के कहर ने इस तरह कहर बरपा रखा है कि लोगों को अपनी शादियां तक टाल पड़ीं। अगर कोई इसके बाद बाद भी शादी कर रहा है तो प्रशासन से उसे पहले परमिशन लेने पड़ रही है। लेकिन राजस्थान में एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां दूल्हा और दुल्हन को ना चाहकर भी लॉकडाउन में 7 फेरे लेने पड़े। दरअसल, दूल्हे की दादा की तबीयत अचानक खराब हो गई थी, तो ऐसे में बुजुर्ग ने कहा-मेरी आखिरी इच्छा है कि मेरे सामने अपने पोते की शादी हो जाए। पता नहीं कल रहूं या नहीं, मुझे मेरी पौत्रवधू का चेहरा देखने की ख्वाहिश है। आखिर में ऐसे हालातों में जाकर दूल्हे को यह शादी करनी पड़ी।
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दरअसल, जोधपुर के वरुण धाणदिया का रिश्ता मीनाक्षी के साथ घरवालों ने तय कर रखा था। जहां दोनों की शादी अक्षय तृतीया को होनी थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते टालनी पड़ी थी। हालांकि, लड़के ने अपने दादा मोहनलान की ख्वाहिश पूरी करन के लिए लड़की के घरवालों से बात की तो वह इसके लिए तैयार हो गए।
दोनों परिवारवालों ने फैसला किया कि इस विवाह में दोनों पक्षों की तरफ से दूल्हा-दुल्हन के अलावा और कोई शामिल नहीं होगा। परिजनों ने कहा-हम नहीं चाहते कि लॉकडाउन का नियम टूटे। ऐसे में शहर के आर्य समाज के दुर्गा मंदिर में यह शादी करने का फैसला किया। जहां पंडित महेन्द्र व्यास ने पूर्ण विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ यह विवाह संपन्न कराया। इस विवाह में सिर्फ दूल्हा-दुल्हन और पंडित थे, यानी तीन लोग मौजूद थे।
दूल्हे ने बताया कि हमारे घरवाले घर ही दोनों के आने का इंतजार कर रहे थे। क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि किसी भी तरह लॉकडाउन टूटे। दुल्हन जब घर पहंची तो उसकी आरती उतारके अंदर लाया गया।
इतना ही नहीं दूल्हा-दुल्हन के परिवालों ने शादी में खर्च होने वाले पैसे पांच लाख रुपए पीएम कोरोना केयर फंड में दान भी कर दिए।