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अमृतसर में BSF जवान के सिर पर सवार हुआ खून: जो सामने आया उसे भूनता गया, जानिए वो वजह जिसमें की 4 जवानों हत्या
अमृतसर. पंजाब के अमृतसर रविवार सुबह एक बेहद दुखद खबर सामने आई। जहां BSF के खासा हेडक्वार्टर की मैस में बैठे एक जवान ने गुस्से में आकर अपने साथी जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। उसने इस तरह ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं कि 4 जवानों की हत्या कर डाली। जबकि 5 जवानों को घायल कर दिया। इसके बाद खुद को भी गोली मारकर सुसाइड कर लिया। बीएसएफ के अधिकारी हैरान हैं कि आखिर वो कौन सी वजह थी, जिसके चलते देश का रक्षक ही अपने साथियों का भक्षक बन गया। शुरूआती जानकारी में सामने आया है कि फायरिंग की वजह ड्यूटी का विवाद बताया जा रहा है। जिसको लेकर वो काफी दिनों से नाराज चल रहा था। जिसके चलते उसने यह कदम उठाया। पढ़िए कैसे एक देश का रक्षक बन गया आखिर भक्षक...
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दरअसल, यह घटना भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास अटारी-वाघा सीमा क्रॉसिंग से करीब 20 किलोमीटर दूर की है। जहां BSF के खासा हेडक्वार्टर की मैस में यह सब हुआ। रविवार की सुबह सत्यप्पा ड्यूटी पर तैनात था और उसने गुस्से में आकर अपनी रायफल से गोलियां चलानी शुरू कर दी। गोलियों की आवाज सुनकर अन्य जवानों ने इधर-उधर भागना शुरू कर दिया। इस दौरान करीब 10 से 12 जवानों को गोलियां लगीं। जिसमें से 4 की मौत हो गई और बाकी घायल हो गए।
बता दें कि फायरिंग करने वाले कॉन्स्टेबल की पहचान सत्यप्पा एस.के. के रूप में हुई है। साथी जवानों की हत्या करने वाले जवान मूल रूप से महाराष्ट्र का रहने वाला है। शुरूआती जांच में सामने आया कि वह पिछले कुछ दिनों से परेशान चल रहा था और अपने सीनियर अधिकारियों से अपनी ड्यूटी चेंज करवाना चाहता था। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उसकी ड्यूटी नहीं बदली जा रही थी। बस इसी को लेकर वो नाराज चल रहा था।
बताया जा रहा है कि मैस में जवानों पर गोलियां बरसाने के बाद भी वह नहीं रुका। वह अपनी सर्विस कम्बाइन लेकर मैस से बाहर भागा और लगातार गोलियां चलाता गया। वहीं गोलीबारी में घायल राहुल की मां उमा देवी ने बताया कि सत्यप्पा पागल हो गया था और हर जगह पागलों की तरह गोलियां बरसाता रहा। उसके जामने जो भी आया उसे भूनता गया। इसी भाग दौड़ में उनके बेटे को भी गोलियां लगी हैं। फिर आखिर में खुद को पकड़े जाने के डर से सत्यप्पा ने अपने आप को भी गोली मार ली।
बता दें कि घटना की खबर लगते ही फायरिंग में मारे गए जवानों के परिजन गुरु नानक देव अस्पताल पहुंचे हैं। जहां उनका रो-रोकर बुरा हाल है। घटना के बाद मीडिया कर्मियों को अभी परिसर में जाने की इजाजत नहीं है और अस्पताल के बाहर भी पुलिस का कड़ा पहरा जारी है।
अभी तक इस मामले बीएसएफ के किसी सीनियर अफसर का कोई बयान सामने नहीं आया है। बीएसएफ के अधिकारी इस पूरी घटना पर चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं मामले की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दे दिया गया है।
फिलहाल बीएसएफ के आलाधिकारी इस समय मौके पर मौजूद हैं और पूरी घटना का जायजा ले रहे हैं। पुलिस मृतक जवानों के शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।