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चेहरे झुर्रियां आंखों में गुस्सा: चूल्हा-चौका छोड़ सड़कों पर पंजाब में महिलाएं, कहा-हक लेकर रहेंगे
अमृतसर. पंजाब में कृषि बिल के विरोध में किसानों न आंदोलन तेज कर दिया है। इस दौरान महिला किसानों ने भी आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। वह घर के चूल्हा-चौका का काम छोड़कर पुरुषों संग रेल की पटरियों पर बैठकर विरोध-प्रदर्शन कर रहीं हैं। बुजुर्ग महिलाओं के चहरे और हाथों में झुरियां देखाई दे रही हैं, लेकिन उनकी आंखों में केंद्र सरकार के खिलाफ गुस्सा दिख रहा है। किसानों ने साफ कर दिया है कि वह कृषि विधेयकों को न माने हैं और न भविष्य में मानेंगे। उनका कहना है कि वह अपने आंदोलन को उग्र बनाकर अभी सरकार व पुलिस प्रशासन से कोई पंगा नहीं लेंगे।
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बता दें कि किसानों ने बिल के विरोध में 24 से 26 सितंबर तक 'रेल रोको' आंदोलन चलाया। जिसके चलते पंजाब स गुजरने वाली सभी ट्रेनें रद्द कर दी गईं थीं। कृषि बिल का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब और हरियाणा में ही दिखाई दे रहा है। इस संघर्ष में पुरुष किसान ही नहीं बल्कि उनके साथ महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर धरने पर बैठी हुई हैं।
कुछ किसानों ने तो खसम खा ली है कि जब तक यह बिल वापस नहीं ले लेती मोदी सरकार वह रेल की पटरियों से नहीं उठेंगे। इन्हीं पटरियों पर सोकर अपनी जान दे देंगे।
इन महिलाओं ने मोदी सरकार के विरोध करने और अपने हक की लड़ाई के लिए घर का चूल्हा चौका छोड़ दिया है। वह हाथों में तख्ती और झंडा लेकर विरोध कर रही हैं।
किसानों ने रेट की पटरियों को ही अपना आशियाना बना लिया है। यहीं पर वह लंगर लगाकर खाना खा रहे हैं और यहीं पर रात को बिस्तर लगाकर सो जाते हैं।
पंजाब के किसानों ने अपने इस आंदोलन को 29 सितंबर तक बढ़ा दिया है। पहले 24 से 26 सितंबर तक 'रेल रोको' आंदोलन की घोषणा की थी।