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सड़कों पर अन्नदाता: इस किसान का दर्द सुन आ जाएगा रोना, 92 वर्षीय दृष्टिहीन मां के साथ धरने पर बैठा
अमृतसर/अंबाला. कृषि विधेयकों (agricultural bills) का विरोध सबसे ज्यादा पंजाब और हरियाणा में देखने को मिल रहा है। एक तरफ जहां पंजाब के सभी शहरों के बाजार बंद हैं, वहीं चौक-चौराहे पर सन्नाटा पसरा हुआ है। ना राज्य में कोई ट्रेन चल रही है और ना ही कोई बस चलती हुए दिखाई दे रही है। किसानों के समर्थम में सभी के पहिए भी थम गए हैं। जगह-जगह रेलवे ट्रैक और सड़कों पर बैठ लाखों किसान क्रेंद्र सरकार द्वारा लाए कृषि विधेयकों के विरोध कर रहे हैं। उनमें मोदी सरकार के खिलाफ गुस्सा है, वह एक ही मांग कर रहे हैं कि इन बिलों को वापस लिया जाए। वहीं कुछ किसान भावुक होकर बोले-जिस खेती में हमने अपना पूरा जीवन लगा दिया अब सरकार उसको ही बर्बाद करने जा रही है। इसलिए हम आंदोलन कर रहे हैं ताकि इस बर्बादी को रोका जाए।
| Published : Sep 26 2020, 01:33 PM IST / Updated: Sep 26 2020, 01:37 PM IST
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दरअसल, बडाला के रहने वाले पप्पा नाम के किसान अपनी 92 वर्षीय दृष्टिहीन मां दीपो को साइकिल पर बैठाकर जंडियाला के पास रेलवे फाटक पर धरना देने के लिए लेकर गए। मीडिया से अपना दर्द बयां करते वक्त वह रो पड़े, बोले- डर लगता है कि कहीं हमारे पास जो जमीन है, वह कहीं सरकारी नीतियों के कारण छिन न जाए। अगर ऐसा हुआ तो हम भूखें मर जाएंगे। इसलिए वह अपने साथ बुजुर्ग मां को साथ लेकर यहां पर आंदोलन करने आए हैं। अगर हमको किसानी बचाने के लिए पैदल दिल्ली तक जाना पड़े तो हम वहां भी जाएंगे। चाहे फिर रास्ते में मर ही क्यों ना जाएं।
बता दें कि पंजब में केंद्र सरकार के कृषि विधेयकों के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के तहत करीब 31 किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं। जहां राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी आप ने किसानों के प्रदर्शनों को समर्थन दिया है। वहीं शिरोमणि अकाली दल भी किसानों के साथ विरोध प्रदर्शन कर आंदोलन कर रहा है।
किसानों ने रेल के पटरियों को अपना आशियाना बना लिया है। वह यहीं लंगर लगाकर भोजन कर रहे हैं और यहीं पर रात गुजारते हैं। उनका कहना है कि वह अपने हक की लड़ाई में जीतकर रहेंगे। चाहे फिर हमे अपनी जान ही क्यों ना देने पड़े।
इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि ट्रैक्टर रैली के दौरान शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल अपनी पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ट्रैक्टर पर जाते हुए।
यह तस्वीर संगरुर की है जहां पर सभी बाजार बंद कर दिए गए हैं। कृषि विधेयकों के खिलाफ किसान संगठनों के पंजाब बंद का पूरा असर देखा जा रहा है। कारोबार बंद रखकर सभी वर्गों ने इस संघर्ष का समर्थन किया है।
तस्वीर में आप देख सकते हैं कि किस तरह किसान सिर पर सब्जी और गले में फलों की माला पहनकर कृषि विधेयकों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं।
बता दें कि पंजाब के किसानों ने यह आंदोलन 26 तारीख तक का ऐलान किया था। लेकिन किसान मजदूर संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव श्रवण सिंह पंढेर ने बताया कि संगठन ने फैसला लिया है कि उनका यह प्रदर्शन आगे तीन दिन और जारी रहेगा। तीन दिनों के बाद फिर आगे विरोध प्रदर्शन पर फैसला लिया जाएगा।
पंजाब में बढ़ते किसान आंदोलन के चलते रेलवे ने कई ट्रेनें कैंसल कर दी हैं। पहले फिरोजपुर डिविजन नें 24 सितंबर से लेकर 26 सितंबर तक ट्रेनें कैंसल की थीं। अब किसानों का आंदोलन तीन दिन और बढ़ गया है इसलिए इसे आगे भी ट्रेनें बंद रहेंगी।
पंजब में केंद्र सरकार के कृषि विधेयकों के खिलाफ लाखों किसान सड़कों पर डटे हुए हैं। उनके साथ सियासी दलों के अलावा गायक, मुलाजिम, डॉक्टर और फिल्म कलाकार भी समर्थन में उतर आए हैं।