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इस पल ने हर किसी को रुला दिया..शहीद बेटे को मां ने सेहरा और बहन ने राखी बांधकर दी अंतिम विदाई
पठानकोट (पंजाब). इंडियन आर्मी की 7 डोगरा रेजीमेंट के 20 वर्षीय सिपाही सौरभ कुमार अपनी 14 माह की ड्यूटी में ही देश के लिए शहीद हो गए। सोमवार को जब तिरंगे में लिपटी शहीद की पार्थिव शरीर गांव भटोआ पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया। अपने इकलौते बेटे को इस तरह देख मां बदहवास हो गई। हर आंख से आंसू निकल रहे थे, सब यही कहने लगे देखो तो इतनी सी उम्र में सौरभ शहीद हो गया। बता दें कि 13 मई को हरियाणा में यूनिट के टॉवर पोस्ट पर ड्यूटी के दौरान पांव फिसलने से सौरभ नीचे गिर गए थे। सिर पर गंभीर चोट लगने से वे कोमा में चले गए थे। 10 दिन तक सैन्य अस्पताल में उनका इलाज चला, लेकिन उनकी सासों ने साथ छोड़ दिया।
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शहीद की इस तरह अंतिम विदाई हुई की वहां पर मौजूर हर शख्स रो पड़ा। जब मां ने अपने इकलौते बेटे सौरभ के माथे पर सेहरा-कलगी सजाया और बहन डिंपल ने आखिरी बार अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर अंतिम विदाई दी तो यह दृश्य देखने वाले हर शख्स की आंख नम हो गई।
इकलौते बेटे की पार्थिव देह को देखकर मां मधु की करुणामई सिसकिया पत्थरों का कलेजा छलनी कर रही थीं। उसने कांपते हाथों से सेना के अधिकारियों से तिरंगे को लिया। बेबस मां ने शवयात्रा निकलने से पहले बेटे को सेल्यूट करके कहा, शहादत पर गर्व करती हूं, शत शत नमन।
शहीद सौरभ कुमार के पिता अश्विनी कुमार का रो-रोकर बुरा हाथ था, वह बार-बार यही बोल रहे थे कि मेरे जीने का आखिसी सहारा भी चला गया। हर कोई उनको नम आंखों से शांत्वना दे रहा था। मौके पर पहुंचे क्षेत्र के विधायक जोगिंदर पाल ने कहा कि वे इस दुख की घड़ी में शहीद परिवार के साथ हैं।
जब शहीद सौरभ कुमार की चिता को चाचा अर्जुन कुमार ने मुखाग्नि दी तो भारत माता के जयकारे लगने लगे। पूरे सैन्य सम्मान से शहीद का अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद के अंतिम संस्कार में सेना के अफसरों ने भी मौके पर पहुंचकर सलामी दी। 21 सब एरिया कमांडर की ओर से एसएससी की 5371 बटालियन के नायब सूबेदार वाघ डीटी, शहीद की यूनिट 7 डोगरा के कमांडर कर्नल एस जचारिया की तरफ से नायब सूबेदार लछबीर सिंह उपस्थित थे।