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कॉलेज के बाद कनस्तर लेकर निकल पड़ते हैं ये गुरुजी, लोग पहले हंसते थे अब कहते हैं-मान गए गुरुजी
अल्मोड़ा, उत्तराखंड. यह हैं उत्तराखंड के अल्मोड़ा के द्वाराहाट के राजकीय इंटर कॉलेज बटुलिया में जीव विज्ञान के टीचर जमुनाप्रसाद तिवाड़ी। इन्हें लोग कंटरमैन के नाम से पुकारने लगे हैं। ये पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों और लोगों को पर्यावरण संरक्षण और साफ-सफाई का संदेश देते हैं। ये अपने क्षेत्र में 500 से अधिक कनस्तर बांट चुके हैं। मकसद लोग कचरा यहां-वहां नहीं फेंकें। इनकी इसी कोशिशों के लिए 2016 में राज्यपाल पुरस्कार और 2017 में शैलेष मटियानी पुरस्कार मिल चुका है। शुरुआत में लोगों ने इनका खूब मजाक बनाया। लोग कहते है कि अच्छी-खासी नौकरी होने पर भी यह सब करने की क्या जरूरत? लेकिन अब लोग इनकी तारीफ करते हैं। लोग ही क्या, प्रशासन और सरकार भी इनके इस प्रयास को सराह चुकी है। टीचर्स-डे(5 सितंबर) पर पढ़िए एक अनूठे गुरुजी की कहानी....
| Published : Sep 05 2020, 11:00 AM IST / Updated: Sep 05 2020, 11:21 AM IST
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जमुना प्रसाद लंबे समय से कनस्तर बांटने का काम कर रहे हैं। ये सार्वजनिक जगहों पर भी कनस्तर रखते हैं, ताकि लोग कचरा सड़क पर न फेंकें।
स्थानीय लोग कहते हैं कि जमुना प्रसाद को कभी इस काम में कोई झिझक महसूस नहीं हुई। जबकि लोगों ने पहले उन्हें हतोत्साहित किया।
पहले लोगों ने जमुना प्रसाद के इस अभियान का हल्के में लिया। अब कस्बे के कई घरों में उनके बांटे कनस्तर डस्बिन के तौर पर रखे देखे जा सकते हैं।
शहर के ऐसे स्थल, जहां कचरा फैलने की आशंका ज्यादा होती है, वहां जमुना प्रसाद ने कनस्तर रखवा दिए हैं।
तिवाड़ी लंबे समय से स्वच्छता का अभियान छेड़े हुए हैं। पहले वे अकेले ही इस काम में लगे रहे, अब दूसरे लोग भी उनके साथ हो लिए हैं।
जमुना प्रसाद अब आसपास के गांवों में ही इस मुहिम लेकर निकल पड़े हैं।