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पिता नाई की दुकान चलाते हैं, लेकिन 13 साल की बेटी ने लॉकडाउन में परेशान गरीबों पर खर्च दिए लाखों रुपए
मदुरै, तमिलनाडु. लॉकडाउन ने गरीबों की हालत सबसे ज्यादा खराब की है। लोग खाने को तरस गए। हालात अभी भी ठीक नहीं है। ऐसे में मददगार किसी भगवान से कम साबित नहीं हुए। हमारे देश में इस मुसीबत में लाखों लोग गरीबों की मदद को आगे आए। लेकिन यह लड़की एक मिसाल बन गई। इसके पिता मदुरै में सैलून चलाते हैं। उन्होंने अपनी 13 साल की इस बेटी एम. नेत्रा की पढ़ाई के लिए पाई-पाई जोड़कर करीब 5 लाख रुपए इकट्ठा किए थे। लेकिन बेटी ने जब गरीबों को परेशान देखा, तो यह पैसा उनकी मदद में खर्च कर दिया। यह बच्ची 'यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशन फॉर डेवलपमेंट एंड पीस (UNADAP) के लिए 'गुडविल एंबेसडर टू द पुअर' नियुक्त की गई है। बता दें कि पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में नेत्रा और उसके पिता की प्रशंसा की थी। पढ़िए इसकी कहानी..
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एम. नेत्रा बताती हैं कि जब उसने अपने आसपास के गरीब लोगों को लॉकडाउन में भूखों देखा, तो बड़ा दु:ख हुआ। उन्होंने अपनी इच्छा पिता को बताई। पहले उन्हें हैरानी हुई, लेकिन मान गए।
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तमिलनाडु के मंत्री सेलुर राजू ने नेत्रा की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री पलानीसामी से स्वर्गीय मुख्यमंत्री जे जयललिता के नाम पर एक पुरस्कार इस बच्ची को दिलाने की बात करेंगे।
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बता दें कि मोदी ने 'मन की बात' में नेत्रा का उल्लेख किया था। नेत्रा को न्यूयॉर्क और जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलनों में बोलने का अवसर मिलेगा।
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नेत्रा कहती हैं कि उन्हें अपने आसपास के लोगों की परेशानी देखकर बड़ा दु:ख होता है। पैसा तो आता जाता रहेगा, लेकिन अभी जरूरत लोगों की मदद करने की है।
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नेत्रा ने कहा कि उनके पापा ने जो हिम्मत दिखाई, उसी से उनका हौसला बढ़ा।