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भारत-चीन सीमा पर देवभूमि का 21 साल का लाल शहीद, दो साल पहले ही ज्वाइन की थी सेना की नौकरी
शिमला (हिमाचल). चीन ने भारत को एक बार फिर धोखा दिया है। बातचीत करने गए भारतीय जवानों पर सोमवार रात चीनी सैनिकों पर लाठी-पत्थरों से हमला बोल दिया। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर हुई इस हिंसक झड़प में देश के 20 जवान शहीद हो गए। इन शहीदों में हिमाचल के एक 21 साल के वीर सपूत का नाम भी शामिल है। जिसने अपनी देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
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हिमाचल की माटी के इस सपूत की पहचान अंकुश ठाकुर के रूप में हुई है। जो यहां के भोरंज के गांव कड़होता का रहने वाला था और साल 2018 में पंजाब रेजीमेंट में भर्ती हुआ था।
जैसे ही जवान के शहादत की खबर अंकुश के घर और गांव में पता चली तो पूरा माहौल गमगीन हो गया है। घरवालों के आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे है, शहीद के के परिवार को ढांढस बंधाने के लिए लोगों की भीड़ जमा होने लगी है।
जानकारी के मुताबिक,10 माह पहले ही अंकुश ने रंगरूट की छुट्टी काटकर घर से सेना की नौकरी ज्वाइन की। शहीद अंकुश का एक छोटा भाई भी है, जो छठी क्लास में पढ़ता है।
बता दें कि अंकुश के पिता और दादा भी सेना में सेवाएं दे चुके हैं। उनके शहीद होने की पुष्टि हमीरपुर के डीसी हरिकेश मीणा ने की है।