MalayalamEnglishKannadaTeluguTamilBanglaHindiMarathi
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • KEA 2025
  • Home
  • States
  • Other State News
  • 1962 वाला भारत नहीं है ये, दुश्मनी करके बहुत पछताएगा अब चीन..पढ़िए एक रियल हीरो की कहानी, देखिए कुछ तस्वीरें

1962 वाला भारत नहीं है ये, दुश्मनी करके बहुत पछताएगा अब चीन..पढ़िए एक रियल हीरो की कहानी, देखिए कुछ तस्वीरें

नई दिल्ली. पड़ोसी मुल्क चीन ने दोस्ती की आड़ में पीठ में छुरा घोंपने (UnmaskingChina ) का काम किया है। उसने हिंदी-चीनी भाई-भाई की भावना को लहूलुहान किया है। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15/16 जून की रात चीन और भारत की सेना के संघर्ष (India China dispute) में भारत ने अपने 20 जवानों को खोया। वहीं, चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। हालांकि चीन इसकी पुष्टि कभी नहीं करेगा। भारत की बढ़ती ताकत चीन को हजम नहीं हो रही है। कोरोना वायरस को लेकर सारी दुनिया चीन पर उंगुली उठा रही है। इसे लेकर भी वो बौखलाया हुआ है। यह सही है कि 1962 के युद्ध में चीन की सैन्य शक्ति भारत से ज्यादा थी। इसका भारत को नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन भारतीय सेना ने जिस पराक्रम का परिचय दिया था, वो इतिहास बन गया है। आज की स्थिति में भारत हम मुकाबले में चीन को धूल चटाने में सक्षम है। देखिए 1962 के युद्ध के दौरान की कुछ तस्वीरें और पढ़िए एक रियल हीरो की कहानी..

Asianet News Hindi | Updated : Jun 18 2020, 12:09 PM
3 Min read
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
119
Asianet Image

यह हैं(इनसेट) जोगिंदर सिंह। 1962 में चीन से हुए युद्ध में इन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिया था। जोगिंदर सिंह को मरणोपरांत भारत का सबसे ऊंचा वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र प्रदान किया गया था। इनका जन्म 26 सितंबर 1921 को पंजाब के फरीदकोट जिले के मोगा के मेहलाकलां गांव में हुआ था। इनके पिता शेर सिंह एक किसान थे, जबकि मां बीबी कृष्ण कौर गृहणी। जोगिंदर सिंह 28 सितंबर 1936 को सिख रेजीमेंट में सिपाही के तौर पर भर्ती हुए थे। अगस्त 1962 में चीन ने भारत पर हमला किया था। वो अक्साई चिन और पूर्वी सीमा (नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी) पर अपना दावा ठोक रही थी। चीनी सेना ने नमखा चू सेक्टर और लद्दाख समेत पूर्वी सीमा के कई हिस्सों पर ताबड़तोड़ हमला करके कब्जा कर लिया था। अब वो तवांग पर कब्जा चाहता था। चीनी सेना को रोकने की सबसे पहले जिम्मेदारी सिख बटालियन को दी गई। इसमें एक कंपनी के कमांडर थे सूबेदार जोगिंदर सिंह। एक हमले में ये गोली लगने पर घायल हुए। बावजूद हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने 2 इंच वाली मोर्टार से कई चीनी सैनिकों को मार गिराया। हालांकि बाद में चीन ने जोगिंदर सिंह को युद्धबंदी बना लिया था। इसी दौरान उनकी मृत्यु हो गई। 17 मई 1963 को चीन ने पूरे सम्मान के साथ उनकी पार्थिव देह भारत को सौंप दी थी। उनके साहस से चीन भी अचंभित था।
आगे देखिए 1962 के युद्ध के दौरान की कुछ तस्वीरें...

219
Asianet Image

युद्ध के दौरान भारतीय सेना का हौसला बढ़ाते पंडित नेहरू।

319
Asianet Image

चीन सेना पर नजर लगाए बैठी भारतीय सेना।

419
Asianet Image

1962 के युद्ध के दौरान सीमा पर यूं सन्नाटा पसर गया था।

519
Asianet Image

युद्ध के चलते सीमा से सटे गांवों के लोगों को पलायन करना पड़ा था।

619
Asianet Image

1962 के युद्ध का एक मंजर।

719
Asianet Image

युद्ध के लिए जाते सैनिक।

819
Asianet Image

यह तस्वीर 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान की है। ये हैं असम राइफल्स के जवानों की फैमिली। इनके चेहरे पर तनाव है,  लेकिन हाथों में अपने पतियों के हथियार थामकर इन्होंने अपनी देशभक्ति जताई थी।

919
Asianet Image

असम के तेजपुर स्थित सेना के कैम्प में होमगार्ड जवान।

1019
Asianet Image

युद्ध के लिए बॉर्डर पर रवाना होती भारतीय सेना।
 

1119
Asianet Image

यह तस्वीर असम के तेजपुर में लगे सेना के कैम्प की है। इसमें होमगार्ड की महिलाओं ने भी युद्धकला की ट्रेनिंग ली थी।

1219
Asianet Image

यह तस्वीर 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान की है। जब लद्दाख में चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था। यह भारतीय सैनिक हैं।

1319
Asianet Image

युद्ध के पहले चीन से लोहा लेने की तैयारी करती भारतीय सेना।

1419
Asianet Image

1962 में चीन से युद्ध के लिए लद्दाख निकलती भारतीय सेना को लोगों ने यूं विदा किया था।

1519
Asianet Image

युद्ध के दौरान सीमा से लोगों को हटाया गया था।

1619
Asianet Image

1962 के युद्ध से पहले सीमा से पलायन करते लोग।

1719
Asianet Image

युद्ध से सैकड़ों लोगों को पलायन करना पड़ा था।

1819
Asianet Image

लद्दाख सीमा पर तैनात भारतीय जवान। तस्वीर यह तस्वीर 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान की है।

1919
Asianet Image

असम के तेजपुर कैम्प में राइफल चलाने की ट्रेनिंग लेतीं महिलाएं।

Asianet News Hindi
About the Author
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है। Read More...
 
Recommended Stories
Top Stories