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गजब शादी: ना घोड़ी और ना कार, दूल्हा-दुल्हन जेसीबी पर सवार होकर आए, तो 40 किमी हाथ थामकर पैदल ही चलते रहे
सिरमौर (हिमाचल). पहाड़ी राज्यों में इन दिनों जमकर बर्फबारी हो रही है। जिसके चलते जगह-जगह रास्ते भी बंद हैं और 3 से 4 फीट तक बर्फ जमी है। इन इलाकों में खून जमा देने वाली कड़ाके की ठंड भी पड़ रही है। लेकिन इन सबके बावजूद भी शादी करने वालों का जोश कम नहीं हुआ। इस दौरान कोई दूल्हा बर्फ में 40 किमी पैदल चल तो कोई जेसीबी से अपनी दुल्हन को लेने पहुंचा हुआ था। उन्होंने भारी कठिनाइयों के बाद भी जीवनसंगिनी के साथ विवाह की रस्में निभाईं। कुछ ऐसी ही शादी की खूबसूरत तस्वीर सामने आई हैं...
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दरअसल, बर्फबारी के बीच एक अनोखी शादी सिरमौर के उपमंडल संगड़ाह में हुई। जहां बर्फबारी और मूसलाधार बारिश के चलते दूल्हे विजय प्रकाश रविवार रात करीब 2 बजे जेसीबी लेकर दुल्हन को लेने पहुंचे हुए थे। बरात वक्त पर नहीं पहुंचने पर रस्में निभाने के लिए पंडित को दोबारा मुहूर्त देखकर शादी करवानी पड़ी। यानि बारात यहां पर समय से 12 घंटे देरी से पहुंची हुई थी।
बारात को करीब बर्फबारी में सात घंटे गुजारने पड़े। इतना ही नहीं बारात लेकर आ रही जेसीबी का बीच रास्ते में डीजल खत्म हो गया। रात को 12 बजे जेसीबी मालिक रामेश्वर एक अन्य जेसीबी मशीन लेकर पहुंचे तो दूल्हा-दुल्हन के घर पहुंचाया गया।
वहीं बर्फबारी के बीच दूसरी शादी चुवाड़ी इलाके में हुई। जहां दूल्हे को 4 किमी दूर दुल्हन का घर का रास्ता सात किमी पैदल सफर करना पड़ा। रीति-रीवाजों के साथ शादी के बाद ढाई फीट बर्फ में कहारों ने दूल्हा-दुल्हन को पालकी में उठाकर देर रात तक अपने घर पहुंच सके।
यह तीसरी शादी चंबा जिले के सलूणी में शनिवार को हुई, जहां अनीत कुमार अपने करीब 50 बरातियों के साथ दुल्हन लाने के लिए कई किलोमीटर पैदल ही चल पड़े। डेढ़ से तीन फीट बर्फ में करीब 40 किलोमीटर पैदल चले। इस बीच दूल्हा और दुल्हन एक-दूसरे का हाथ थामकर चलते रहे। दूसरे दिन पैदल सफर कर वह अपने गांव शाला पहुंचे।
इस तस्वीर में आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि किस तहर से बाराती और बैंड-बाजे वाले तीन से चार फीट बर्फबारी में पैदल ही चल रहे हैं। बताया जाता है कि इस दौरान बारिश भी हुई, लेकिन उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी। पैदल पहुंचकर ही दूल्हा-दुल्हन की सारी रश्मों के हिसाब से शादी संपन्न कराई।