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पापा आप जहां भी अच्छे से हों, बार्डर से गायब हुए जाबांज के बच्चों के नहीं रुक रहे आंसू
देहरादून, उत्तराखंड. यह है भारतीय सेना के जवान राजेंद्र सिंह नेगी का परिवार। राजेंद्र सिंह नेगी 8 जनवरी की शाम को कश्मीर के गुलमर्ग से लापता हैं। वे बॉर्डर पर तैनात थे। घटनावाले दिन बर्फबारी हो रहे थे। आशंका है कि वे फिसलकर पाकिस्तान की सरहद में चले गए। तब से उनका कोई पता नहीं है। अपने पिता के इंतजार में उनके बच्चे मायूस हैं। पत्नी, पिता, मां और अन्य परिजनों का भी किसी अनहोनी की आशंका से दिल बैठा जा रहा है। जहां यह घटना हुई, वहां 20 फीट तक बर्फ जमा हुआ है। चूंकि नेगी के पाकिस्तानी सीमा में चले जाने की आशंका है, लिहाजा सर्च ऑपरेशन में भी परेशानी हो रही है। उधर, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वे जवान को लेकर रक्षा मंत्रालय से संपर्क में हैं। उम्मीद है कि जवान जल्द सकुशल घर लौट आएगा।
| Published : Jan 14 2020, 11:05 AM
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राजेंद्र सिंह के परिवार में माता-पिता और पत्नी के अलावा तीन बच्चे हैं। जब से इन्हें घटना की जानकारी लगी है, खाना-पीना सबकुछ मानों भूल-से गए हैं। सबकी आंखों से आंसू सूखने का नाम नहीं ले रहे हैं।
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राजेंद्र सिंह की पत्नी राजेश्वरी देवी बताती हैं कि उनकी आखिरी बार बात 8 जनवरी की सुबह करीब 10 बजे हुई थी। अगले दिन उनके भाई को कॉल आया कि वे 8 जनवरी की रात से गायब हैं।
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राजेंद्र सिंह की पत्नी राजेश्वरी बताती हैं कि जब आखिरी बार उनसे बात हो रही थी, तब उन्होंने बताया था कि गुलमर्ग में बर्फबारी से हालात खराब हैं। इसके बाद फोन रिसार्च न होने से कॉल कट गया। उल्लेखनीय है कि राजेंद्र सिंह घटना के वक्त बार्डर पर गश्त कर रहे थे।
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राजेंद्र सिंह 11 गढ़वाल राइफल के हवलदार हैं। उनका परिवार देहरादून के अंबीवाला स्थित सैनिक कॉलोनी में रहता है। राजेंद्र के माता-पिता चमोली जिले में गैरसैंण के पास पंजियाणा में रहते हैं। राजेंद्र के पिता रतन सिंह नेगी अपने गांव में चाय की दुकान चलाते हैं।
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36 वर्षीय राजेंद्र चार भाइयों में सबसे बड़े हैं। उनकी माता भागा देवी और तीन भाई गांव में ही रहते हैं।
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राजेंद्र सिंह के दो बेटियां अंजलि और मीनाक्षी आठवीं और चौथी कक्षा में पढ़ती हैं। जबकि बेटा प्रियांश छठी कक्षा में है।