MalayalamEnglishKannadaTeluguTamilBanglaHindiMarathi
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • KEA 2025
  • Home
  • Sports
  • Other Sports
  • इतनी मुश्किल होती है एक एथलीट की जिंदगी, ना खाने को मिलती है फेवरेट चीज ना अपनों से बात करने का होता है समय

इतनी मुश्किल होती है एक एथलीट की जिंदगी, ना खाने को मिलती है फेवरेट चीज ना अपनों से बात करने का होता है समय

स्पोर्ट्स डेस्क : कहते हैं एक खिलाड़ी की जिंदगी संघर्षों से भरी हुई रहती है। यह उस खिलाड़ी की मेहनत ही होती है जो उसे ओलंपिक खेलों तक ले जाती है। कई बार हमें अपनी मेहनत का फल मिलता है तो कई बार निराशा हाथ लगती है, लेकिन एक एथलीट की जिंदगी कितनी मुश्किलों से भरी होती है इसका अंदाजा लगा पाना भी शायद आम इंसान के बस की बात नहीं है। सालों की कड़ी मेहनत अपनों से दूर रहना और ना जाने क्या कुछ एक एथलीट को ओलंपिक के मंच तक पहुंचने के लिए बहुत कुछ त्यागना पड़ता है। कुछ ऐसे ही त्याग की भावना भारतीय शटलर पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने दिखाई है। रियो ओलंपिक 2016 में सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने इतिहास रचा लेकिन इस बार टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में वह अपने सिल्वर को गोल्ड में तब्दील करना चाहती हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं कि सिंधु ने कितने संघर्ष और त्याग के साथ अपने जीवन को सफल बनाया...

Asianet News Hindi | Updated : Jul 28 2021, 08:48 AM
3 Min read
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
19
Asianet Image

कहते हैं हर कामयाब आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है, लेकिन इससे उलट कई बार एक सक्सेसफुल वीमेन के पीछे एक आदमी का हाथ भी होता है। जरूरी नहीं कि वह आदमी आपका हमसफर ही हो, वह आपका कोच, मेंटर या कोई भी हो सकता है। 

29
Asianet Image

रियो ओलंपिक 2016 में सिल्वर मेडल जीतने वाली पीवी सिंधु की जिंदगी में भी उन्हें कामयाब बनाने में उनके कोच पुलेला गोपीचंद की एक अहम भूमिका रही है। वह ना सिर्फ उन्हें बेहतरीन ट्रेनिंग देते हैं बल्कि 1 पेरेंट की तरह उनका ख्याल रखते हैं।

39
Asianet Image

एक इंटरव्यू के दौरान पीवी सिंधु ने बताया था कि रियो ओलंपिक में जाने से पहले 3 महीने तक उनके पास मोबाइल नहीं था। वह किसी से बात कर पाती थी और ना किसी से मिल पाती थी सिर्फ और सिर्फ उनका फोकस उनके खेल पर था। सिंधु के कोच ने भी बताया था कि उन्होंने कड़ी मेहनत कर ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता और इसके बाद ही कोच ने उन्हें उनका फोन वापस किया।

49
Asianet Image

पीवी सिंधु के कोच पुलेला गोपीचंद बताते हैं कि वह सिंधु की हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीज का ख्याल रखते हैं। उनकी फिटनेस से लेकर उनके खाने-पीने तक। सिंधु का वजन ना बढ़े इसके लिए वह सिंधु की प्लेट से खाना तक निकाल कर बाहर कर देते थे ताकि वह फिट रह सकें।

59
Asianet Image

गोपीचंद अपनी अकेडमी में हर चीज का बहुत ध्यान रखते हैं। एथलीट्स के खेल से लेकर उनके खाने-पीने तक उनके अकेडमी में ब्रेड और शुगर पूरी तरह से बैन है। इतना ही नहीं कार्बोहाइड्रेट्स बढ़ाने वाले प्रोडक्ट भी वह एथलीट की थाली से दूर रखते हैं। वह बताते हैं कि सिंधु पर चॉकलेट और हैदराबादी बिरयानी खाने पर भी पाबंदी लगा दिया गया था।

69
Asianet Image

हालांकि रियो ओलंपिक 2016 में सिल्वर मेडल जीतने के बाद सिंधु ने सबसे पहले आइसक्रीम खाने की इच्छा जताई थी। जिसे पूरा करते हुए गोपीचंद ने कहा था कि सिंधु को पूरी छूट है वह जीत के बाद जो चाहे वह खा सकती हैं।

79
Asianet Image

पीवी सिंधु की सक्सेस के पीछे उनकी कोच का बहुत बड़ा हाथ रहा है। इस बात को सिंधु के पिता भी स्वीकार कर चुके हैं कि गोपीचंद ने उनकी बेटी के बराबर मेहनत की है।

89
Asianet Image

आपको बता दें कि गोपीचंद को अपनी बैडमिंटन अकेडमी शुरू करने के लिए अपने घर तक को गिरवी रखना पड़ा था। दरअसल, आंध्र प्रदेश सरकार ने गोपीचंद को अकेडमी बनाने के लिए जमीन तो दी थी, लेकिन प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। ऐसे में उन्होंने अपने और एथलीट्स का सपना पूरा करने के लिए अपने घर को तक गिरवी रख दिया था।

99
Asianet Image

अब एक बार फिर भारत को शटलर पीवी सिंधु से पदक की उम्मीद है। टोक्यो ओलंपिक 2020 में पीवी सिंधु बेहतरीन फॉर्म में चल रही है। अपना पहला मुकाबला उन्होंने आसानी से जीत लिया था। अब उनका लक्ष्य अपने देश के लिए गोल्ड लाने का है। 

Asianet News Hindi
About the Author
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है। Read More...
 
Recommended Stories
Top Stories