लॉकडाउन का असर: इंटरनेशनल शूटर शगुन चौधरी शॉटगन छोड़ कर रही हैं खेती-बाड़ी
स्पोर्ट्स डेस्क. कोरोना संकट के कारण देश इस वक्त लॉकडाउन में है लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। वहीं अगर खेल जगत की बात करें तो इस समय सभी मैदाने सूनी पड़ी है। बड़े-बड़े आयोजनों को रद्द कर दिया गया है या उन्हें आगे के लिए टाल दिया गया है। ऐसे में जयपुर की शूटर शगुन चौधरी भी अपने घर पर ही और वे इस दौरान कुछ महिलाओं के साथ मिलकर अपने फॉर्म हाउस में लहसुन, टमाटर और भिंड़ी की खेती कर रही हैं।
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लॉकडाउन के कारण इंटरनेशनल शूटर इन दिनों प्रैक्टिस से दूर हैं। इस कारण से उन्होंने अब ऑग्रेनिक खेती शुरू की है।
जयपुर में अपने फॉर्म हाउस पर शगुन 6 महिलाओं के साथ मिलकर लहसुन, टमाटर और भिंड़ी की खेती कर रही हैं। उनके यहां ऑर्गेनिक कीनू फॉर्म भी है। जिसके 800 पेड़ लगे हैं। इनकी सप्लाई जयपुर औऱ दिल्ली में की जाती है।
शगुन ने कहा कि मैं शूटिंग के कारण इस तरह से काम नहीं कर पाती थी। लेकिन अब कोरोना महामारी के कारण देश में लॉकडाउन हैं और लोग अपने-अपने घरों में हैं। ऐसे में मैं महिलाओं के साथ मिलकर फॉर्म हाउस में काम कर रही हूं।
वे आगे कहती हैं कि मैं इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहती हूं। पहले हम केवल कीनू की कर्शियल सप्लाई करते थे अब हम सब्जियों की भी कमर्शियल सप्लाई की तैयारी कर रहे हैं।
ऑर्गेनिक चीजों का इस्तेमाल काफी बढ़ रहा है, यह लोगों के लिए फायदेमंद भी है। मैं 17 साल की उम्र से शूटिंग कर रही हूं। और मुझे नहीं लगता की शूटिंग में उम्र मायने रखते हैं। क्योंकि यह इंडिविजुअल खेल है।
बतादें कि 2012 लंदन ओलिंपिक में भाग ले चुकीं शगुन 36 साल की हैं जब उनसे इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शूटिंग में उम्र मायने नहीं रखती है।
पैक्टिस के सवाल पर शगुन ने कहा कि खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने की छूट मिलनी चाहिए। उन्हें बस इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना होगा।
शगुन कहती हैं कि वो बाय बोर्न शूटर हैं, वो इसलिए कि वो सिर्फ दो साल की थी, तब ही उनके पिता ने उनके हाथ में गन पकड़ा दी थी। तब से ही सुशील चौधरी ने बेटी को स्कीट शूटिंग में एक प्रतिभागी के तौर पर तैयार कर दिया था। बतादें कि शगुन के पिता सुशील चौधरी भी नेशनल शूटर रह चुके हैं।