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पैरों में चुंभते रहे कंकड़ लेकिन नहीं रुकी इस धावक की रफ्तार, अब ओलंपिक में दौड़ लगाएगा ये पुलिस कांस्टेबल

स्पोर्ट्स डेस्क : अक्सर उन लोगों की कहानी हमारे दिल को छू जाती है, जो कड़ी मेहनत करके आगे बढ़ते हैं और गरीबी से निकलकर कामयाबी की बुलंदियों को छूते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है 25 साल के पी नागानाथन (P Naganathan) की जिनका जन्म एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ। लेकिन कड़ी मेहनत और हिम्मत कर उन्होंने अपनी सारी मुश्किलों को दूर कर एक प्रोफेशनल धावक बनने की ठानी और इसके लिए उन्होंने नंगे पैर दौड़ लगाना ही शुरू कर दिया, क्योंकि उनके पास जूते खरीदने के पैसे तक नहीं थे। आज चेन्नई का यह जवान भारत का नाम रोशन कर ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में दौड़ लगाने के लिए तैयार है। आइए आपको बताते हैं पी नागानाथन के संघर्ष की कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Jul 08 2021, 03:02 PM
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कांस्टेबल से ओलंपिक में जाने की कहानी
चेन्नई पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात पी नागनाथन एक प्रोफेशनल ट्रेंड धावक हैं। आज यह अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष से कामयाबी के उस मुकाम पर पहुंच गए हैं जहां पर हर एथलीट पहुंचने का सपना देखता है। जी हां, पी नागानाथन 23 जुलाई 2021 से शुरू होने वाले टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनका सिलेक्शन चार लोगों के 400 मीटर की रिले रेस (4*400 relay) में हुआ है। जिसमें उनके साथ त्रिची के अरोकियाराज, केरल के मोहम्मद अनस और दिल्ली के अमोस जैकब शामिल हैं।

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नंगे पैर दौड़ लगाकर बने धावक
पी नागानाथन बताते हैं कि, जब वह स्कूल में थे तब से ही उन्होंने दौड़ लगाना शुरू कर दिया था। लेकिन उनके पास जूते खरीदने के पैसे नहीं थे, इसलिए वह नंगे पैर ही दौड़ने लगे। इतना ही नहीं जब स्कूल की छुट्टी होती तो वह मजदूरी किया करते और अपने घर वालों का काम में हाथ भी बटाते थे। सिर्फ खेल और घरवालों की मदद ही नहीं नागानाथन ने बीए हिस्ट्री में पढ़ाई भी की। वह बनना तो इंजीनियर चाहते थे लेकिन फीस ज्यादा होने के कारण वह इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन नहीं ले पाए और पार्ट टाइम नौकरी कर अपनी फीस भर बीए की डिग्री हासिल की।

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स्कूल वालों ने गिफ्ट किए जूते
स्कूल में दौड़ लगाकर जब नागानाथन डिस्ट्रिक्ट लेवल तक पहुंच गए, तो स्पोर्ट्स मीट में जाने के लिए उनके स्कूल वालों ने उन्हें एक जोड़ी जूते गिफ्ट किए।

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गोल्ड मेडलिस्ट है नागनाथन
अपनी कड़ी मेहनत और लगन से पी नागानाथन ने खेल कोटे से पुलिस कांस्टेबल की जॉब हासिल की। इसके बाद 2019 में उन्हें ऑल इंडिया पुलिस मीट में गोल्ड मेडल से नवाजा गया। साथ ही उन्होंने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में सीएम ट्रॉफी भी जीती। वह लगातार कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते गए और फरवरी में, उन्होंने पटियाला में फेडरेशन कप में भाग लिया और दूसरे स्थान पर रहे। इसके बाद 45 दिन की ट्रेनिंग के बाद उनका सिलेक्शन टोक्यो ओलंपिक में हो गया है।

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क्या कहते है नागानाथन
अपने सिलेक्शन को लेकर नागानाथन कहते हैं कि 'मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे ओलंपिक में भाग लेने का मौका मिलेगा मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने पुलिस कोच प्रभाकरन, चेन्नई पुलिस स्पोर्ट्स इंचार्ज और सब इंस्पेक्टर पॉल डोमिनिक और शिवलिंगम को देता हूं।'

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23 जुलाई से शुरू होगा ओलंपिक 
टोक्यो ओलंपिक की शुरुआत 23 जुलाई से होगी। वहींस इसका समापन 8 अगस्त को होगा। करीब 200 देशों के करीब 16 हजार खिलाड़ी ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रहे हैं। जिसमें भारत के 90 से ज्यादा खिलाड़ी है। बता दें कि टोक्यो ओलंपिक को कोरोना महामारी के कारण पिछले साल रद्द कर दिया गया था। 

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