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रसूखदार IAS अरविंद मायाराम जिन पर 1688 करोड़ के करेंसी प्रिंटिंग घोटाले का आरोप, राजनीति में जबर्दस्त पैठ
CBI Raid in Currency Printing Scam: सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव व राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार आईएएस अधिकारी डॉ.अरविंद मायाराम के ठिकानों पर रेड किया है। सीबीआई की टीमों ने उनके दिल्ली और जयपुर के ठिकानों पर रेड किया है। मनमोहन सिंह सरकार के बेहद चर्चित और कद्दावर नौकरशाह डॉ.अरविंद मायाराम के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी ने 1688 करोड़ रुपये के करेंसी प्रिंटिंग घोटाला का केस में आरोपी बनाया है। मायाराम पर ब्लैकलिस्टेड कंपनी को ठेका देने का आरोप है। मायाराम बीते दिनों भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने पर भी चर्चा में आए थे। आइए जानते हैं कौन हैं अरविंद मायाराम...
| Published : Jan 12 2023, 08:12 PM IST / Updated: Jan 12 2023, 08:59 PM IST
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डॉ.अरविंद मायाराम 1978 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं। वह डॉ.मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय वित्त सचिव रह चुके हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मंत्री पी.चिदंबरम के पसंदीदा अफसर अरविंद मायाराम को माना जाता रहा है।
केंद्रीय वित्त सचिव के अलावा वह केंद्र में ग्रामीण विकास विभाग में वित्तीय सलाहकार और विशेष सचिव रह चुके हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं। राजस्थान में भी मायाराम में कई महत्वपूर्ण विभागों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह राजस्थान सरकार में पर्यटन, प्लानिंग और उद्योग में सचिव रह चुके। इसके अलावा अलवर और बूंदी में कलक्टर भी रहे हैं।
मोदी सरकार के आते ही डॉ.अरविंद मायाराम का रसूख कुछ कम हुआ। 16 अक्टूबर 2014 में मोदी सरकार ने ब्यूरोक्रेसी में पहला बदलाव हुआ तो मायाराम भी उस लिस्ट में थे। उनको फाइनेंस से हटाकर टूरिज्म में भेजा गया। अभी वह रिलीव होते इसके पहले उनको 15 दिनों के भीतर ही अल्पसंख्यक विभाग में भेज दिया गया।
अरविंद मायाराम का परिवार पुराना कांग्रेसी परिवार रहा है। मायाराम की मां इंदिरा मायाराम, राजस्थान सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। वह 1998 से 2002 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहीं थीं। वे सांगानेर से कांग्रेस की विधायक रहीं थीं।
भारत जोड़ो यात्रा में सुर्खियों में आए थे डॉ.अरविंद मायाराम। वह जयपुर में भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ चले थे। यात्रा के दौरान उनका कई फोटो भी वायरल हुआ था।
केंद्र सरकार में वित्त सचिव रह चुके डॉ.अरविंद मायाराम को सीबीआई ने करेंसी प्रिंटिंग घोटाले में आरोपी बनाया है। सीबीआई के अनुसार, करेंसी छापने के लिए मटेरियल सप्लाई का ठेका एक ब्लैकलिस्टेड ब्रिटिश कंपनी (DelaRau) को दिया गया था। ब्रिटिश कंपनी को घटिया क्वालिटी के मटेरियल सप्लाई करने के आरोप में वर्ष 2011 में ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था। लेकिन ब्लैकलिस्ट करने के बाद भी तत्कालीन वित्त सचिव के रूप में अरविंद मायाराम ने बिना टेंडर प्रोसेस कराए ही कंपनी को तीन साल का एक्सटेंशन देकर नोट छापने में इस्तेमाल होने वाला कलरफुल धागा खरीदने का ऑर्डर जारी कराया गया था। आरोप है कि यह आर्डर 1688 करोड़ रुपये का था। खरीदी 2012 में हुई थी। पनामा पेपर्स लीक में भी इस कंपनी का नाम सामने आ चुका है।