MalayalamEnglishKannadaTeluguTamilBanglaHindiMarathi
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • KEA 2025
  • Home
  • National News
  • दांत से काटने से लेकर नाखून से नोचने तक के निशान... इन सबूतों के आधार पर तय हुई थी दरिंदों की मौत

दांत से काटने से लेकर नाखून से नोचने तक के निशान... इन सबूतों के आधार पर तय हुई थी दरिंदों की मौत

नई दिल्ली. निर्भया को 7 साल 3 महीने बाद आखिर न्याय मिल ही गया। यानी तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों अक्षय, विनय, मुकेश और पवन को शुक्रवार की सुबह 5.30 बजे फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। यह पहला मौका है जब तिहाड़ में एक साथ चार दोषियों को फांसी दी गई। दुष्कर्म के मामले में इससे पहले 2004 में कोलकाता के अलीपुर जेल में धनंजय चटर्जी को फांसी दी गई थी। इससे पहले निर्भया के दोषियों ने फांसी से बचने के लिए गुरुवार की सुबह से लेकर फांसी से 2 घंटे पहले यानी 3.30 बजे तक कानूनी दांव पेंच चले, लेकिन उनकी कोई चाल सफल नहीं हुई। दोषियों को फांसी दिए जाने के बाद एक बार फिर दिसंबर 2012 की याद ताजा हो गई जब निर्भया के साथ दरिंदगी की घटना को अंजाम दिया गया था। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि पुलिस ने दोषियों किन सबूतों के आधार पर पकड़ा था। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 20 2020, 10:22 AM
4 Min read
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
113
Asianet Image
दरिंदगी के बाद दोषियों की तलाश में जुटी पुलिस सुराग ढूंढ रही थी। ऐसे में पुलिस को जांच के दौरान निर्भया के शरीर पर राम सिंह और अक्षय के दांत की निशान मिले थे। निशान का मिलान करने पर यह दोषियों के ही निकले। कोर्ट ने कहा कि विक्टिम के शरीर पर मिले काटने के निशान सस्पेक्ट के दांतों के स्ट्रक्चर से मिलाए गए। इसकी जांच में साबित होता है शरीर पर तीन निशान रामसिंह के काटने से और एक निशान अक्षय के काटने से बना था।
213
Asianet Image
दोषियों को पकड़ने के लिए बस की लेजर स्कैनिंग, इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी जैसे एडवांस टेक्नोलॉजी से जांच की गई। जहां विनय के फिंगर प्रिंट मिले। फिंगर प्रिंट की रिपोर्ट पर कोर्ट ने कहा कि यह साफ तौर पर घटना के वक्त विनय बस में मौजूद था।
313
Asianet Image
निर्भया केस की जिम्मेदारी डीसीपी छाया शर्मा के पास थी। घटना के बाद वह तीन दिन तक घर नहीं गईं। छाया शर्मा और उनकी पूरी टीम गुनाहगारों को पकड़ने के लिए जी जान से जुटी हुई थी। क्योंकि उन्हें पता था कि थोड़ी सी भी चूक हुई तो मामला हाथ से फिसल जाएगा और अपराधियों को मौका मिल जाएगा। दोषियों को पकड़ने के लिए छाया शर्मा ने 100 पुलिसकर्मियों की अगल-अलग टीमें बनाई गईं। केस के बाद छाया का ट्रांसफर मिजोरम कर दिया गया।
413
Asianet Image
18 दिन में केस की चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी गई। सफदरजंग अस्पताल में निर्भया ने मजिस्ट्रेस्ट के सामने तीन बयान दिए, जिसमें केस से जुड़ी अहम जानकारियां मिलीं। पुलिस को इनसे बहुत मदद मिली। 13 दिन बाद जब सिंगापुर के हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई तो इसे पीड़िता का आखिरी बयान माना गया।
513
Asianet Image
दोषियों को सजा दिलाने के लिए यूं तो काफी सबूत और गवाह थे, लेकिन पहली बार दुष्कर्म के मामले में आरोपियों, पीड़िता व घायल युवक के खून की जांच के लिए डीएनए टेस्ट कराए गए, जो अदालत में बड़े सबूत बने। आरोपियों के दांतों की जांच भी सफदरजंग अस्पताल में कराई गई, क्योंकि पीड़िता के शरीर पर कई जगह दांत से काटे जाने के निशान थे। फॉरेंसिक जांच के अलावा निर्भया के खून से सने कपड़ों और आरोपियों का मेडिको लीगल केस (एमएलसी) भी अहम सबूत बना।
613
Asianet Image
निर्भया गैंगरेप केस में दोषियों ने सबूत खत्म करने की भरसक कोशिश की थी। बस के ड्राइवर रामसिंह ने डिटर्जेंट से बस को साफ कर दिया था। आरोपियों का सुराग मिलने के बाद जब पुलिस टीम आरकेपुरम पहुंची तो बस की चमक और गीली सीट देखकर पुलिस का शक गहरा गया।
713
Asianet Image
पुलिस ने ऐसे सबूत जुटाए जिसे आरोपी मिटा नहीं पाए थे। जिसमें खून के धब्बे, फटे हुए सीट कवर और अन्य निशान शामिल थे। उसके बाद पुलिस ने बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद पुलिस ने रामसिंह से पूछताछ की तो एक-एक कर सभी दोषी पुलिस की गिरफ्त में आ गए।
813
Asianet Image
आरोपियों पर दोष सिद्ध करने के लिए पुलिस ने चार तरह से साक्ष्य जुटाए थे। जिनमें फिजिकल एविडेंस, मजिस्टि्यल एविडेंस, टेक्निकल डेटा व साइंटिफिक एविडेंस शामिल थे। पहली बार किसी केस में इस तरह से साक्ष्य जुटाए गए थे। जांच में कई तरह का प्रयोग पहली बार किया गया।
913
Asianet Image
कैसे शुरू हुई घटनाः 16 दिसंबर की रात निर्भया अपने दोस्त के साथ साकेत स्थित सलेक्ट सिटी मॉल से फिल्म देखने के बाद रात 9 बजे मुनिरका पहुंचीं। जहां से वह दोषियों की बस में द्वारका जाने के लिए सवार हुई। सभी आरोपी रविदास कैंप आरके पुरम में पार्टी करके बस लेकर निकले थे।
1013
Asianet Image
अवनींद्र पांडेय : निर्भया मामले में अवनींद्र पांडेय इकलौते गवाह थे। उन्हीं की गवाही ने निर्भया को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई। अवनींद्र घटना के वक्त निर्भया के साथ बस में मौजूद थे।चलती बस में जब निर्भया के साथ दरिंदगी हुई तब अवनींद्र को भी बुरी तरह पीटा गया था।
1113
Asianet Image
इसके बाद उन्हें निर्भया के साथ बस से बाहर फेंक दिया गया। निर्भया के दोस्त की गवाही को निचली अदालत, दिल्ली हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने सही माना और फांसी की सजा सुनाई।
1213
Asianet Image
सीमा ने दोषियों के हर पैतरेंबाजी का कोर्ट में खुलकर जवाब दिया। इसी का नतीजा ये हुआ कि एक दोषियों की एक के बाद एक याचिका खारिज होती चली गईं। सीमा को चौथे डेथ वारंट के बाद विश्वास था कि इस बार दोषियों को फांसी होकर रहेगी।
1313
Asianet Image
7 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अब निर्भया को न्याय मिला है। चारों दोषियों को तिहाड़ में फांसी दे दी गई। हालांकि, इससे पहले दोषियों के वकील ने फांसी टालने के लिए काफी कोशिश की। लेकिन उनकी कोई चाल कामयाब नहीं हुई।
Asianet News Hindi
About the Author
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है। Read More...
 
Recommended Stories
Top Stories