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पुलवामा अटैक: बम बनाने ऑनलाइन ऑर्डर से मंगाया गया था 350 किलो बारूद, देखें घटना की कुछ तस्वीरें
जम्मू-कश्मीर. 14 फरवरी, 2019...जब लोग 'प्यार और समर्पण' के प्रतीक वैलेंटाइन-डे को मनाने में लगे थे, जम्मू-कश्मीर नेशनल हाईवे पर पुलवामा में आतंकियों ने नापाक हरकत कर दी थी। पुलवामा में CRPF की बसों पर किए गए आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। यहां से 2500 जवानों को लेकर 78 बसें निकल रही थीं। घटना करीब 3.30 बजे हुई थी। मार्च, 2020 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि पुलवामा अटैक के लिए जो बम बनाया गया था, उसके लिए केमिकल ई-कॉमर्स साइट अमेजन से मंगाया गया था। इस मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने श्रीनगर निवासी 19 वर्षीय वैज उल इस्लाम और पुलवामा जिले के हकीरपोरा इलाके के 32 वर्षीय मेाहम्मद अब्बास राथेर को पकड़ा था। पुलिस ने आतंकियों को शरण देने के आरोप में हकीरपोरा इलाके से एक ट्रक ड्राइवर और उसकी बेटी को भी पकड़ा था। इस्लाम ने कबूला था कि बम बनाने का केमिकल अमेजन से खरीदा था। बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने 350 किलो बारूद से भी SUV जवानों के काफिले से भिड़ा दी थी। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन के मुखिया मसूद अजहर को पुलवामा की साजिश रचने का गुनाहगार माना जाता है। मसूद अजहर के छोटे भाई मौलाना अब्दुल रऊफ असगर ने 5 फरवरी को कराची की एक रैली में भारत में बम धमाके की चेतावनी दी थी।
| Published : Feb 14 2021, 07:51 AM IST
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पुलवामा के 13 दिन बाद भारत की वायुसेना ने 26-27 फरवरी, 2019 की रात 12 मिराज विमानों से एलओसी से 80 किमी अंदर पाकिस्तान में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़ी आतंकी ठिकाने पर एयर स्ट्राइक की थी। इसमें 350 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर थी।
(पुलवामा अटैक के बाद की तस्वीर)
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के 30 साल के इतिहास में पुलवामा अटैक सबसे बड़ा हमला माना गया।
पुलवामा हमला जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने किया था। इसे IED ब्लास्ट की ट्रेनिंग अब्दुल रशीद गाजी ने दी थी। गाजी PoK के कैंप में इंस्ट्रक्टर रह चुका था।
पुलवामा के अटैक को 14 फरवरी, 2021 को दो साल हो गए हैं, लेकिन घटना को लोग कभी नहीं भूलेंगे और आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देंगे।
CRPF जवानों पर यह दूसरा बड़ा हमला था। इससे पहले 2010 में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने हमला किया था। इसमें 76 जवान शहीद हुए थे।
पुलवामा में हुए अटैक के बाद यह था मंजर। हमले में शहीद जवानों की याद में देशभर में कार्यक्रम होते हैं।