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बीरभूम हिंसा: 8 लोगों की जिंदा जलाने से पहले बहुत कुछ हुआ था, ममता बनर्जी को घटना सुनाते हुए बेहोश हुआ पीड़ित
कोलकाता. पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट के बोगतई गांव में सोमवार रात(21 मार्च) हुई हिंसा(West Bengal Political Violence) को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, हिंसा में जिंदा जलाए गए 3 महिलाओं और 2 बच्चों सहित 8 लोगों को नरसंहार से पहले बुरी तरह मारा-पीटा गया था। यह खुलासा फोरेंसिक और पोस्टमार्टम (post-mortem or forensic examination)रिपोर्ट से हुआ है। न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, इस मामले में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कई पुलिस कर्मियों और सिविल वालंटियर्स को हटा दिया गया है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी(Mamata Banerjee) भी हिंसा प्रभावित गांव पहुंचीं और लोगों से बातचीत की। इस बीच एक पीड़ित अपनी व्यथा बताते हुए बेहोश हो गया। ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। जिन लोगों के घर जलाए गए उन्हें 1 लाख रुपये मुआवजा मिलेगा। वहीं, पीड़ित परिवारों के 10 आश्रितों को राज्य सरकार नौकरी देगी। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़(West Bengal Governor Jagdeep Dhankhar) ने कहा-यह एक शर्मनाक घटना है और शासन पर एक धब्बा है। लोकतंत्र में लोगों को इस तरह से जिंदा जलाना बहुत दर्दनाक होता है। मैं सरकार से रक्षा की पेशकश करने के बजाय सबक सीखने की अपील करता हूं।
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बता दें कि हिंसा की शुरुआत तृणमूल कांग्रेस(TMC) के स्थानीय नेता और बरशल ग्राम पंचायत बोकतुई के उप प्रमुख भादु शेख की सोमवार को हत्या(TMC leader Bhadu Sheikh was killed on Monday) के बाद हुई थी। शेख पर बम से हमला किया गया था। उन्हें घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, मगर जान नहीं बच सकी।
कहा जा रहा है कि भादु शेख की हत्या के बाद टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उपद्रव शुरू कर दिया। आरोप है कि TMC के समर्थकों ने जिनके घरों में आग लगाई, वे भाजपा के समर्थक थे। पुलिस तर्क देती रही कि घरों में आग शॉर्ट सर्किट से लगी। फोटो क्रेडिट-Sougata Mukhopadhyay
रामपुर हाट घटना ने पूरे देश को चौंका दिया है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भी बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी। उस मामले को लेकर अभी जांच चल ही रही थी कि यह घटना सामने आ गई।
फोटो क्रेडिट-Sougata Mukhopadhyay
रामपुर हाट घटना ने पूरे देश को चौंका दिया है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भी बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी। उस मामले को लेकर अभी जांच चल ही रही थी कि यह घटना सामने आ गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार करीब 100 बाइकर्स गांव में घुसे और घंटों तांडव करते रहे। लोगों ने पुलिस से मदद मांगी, लेकिन नहीं मिली। इस मामले में पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है।
बीरभूम हिंसा के बाद यहां के लोग बेहद डरे हुए हैं। कई लोग गांव छोड़कर चले गए हैं। इनका कहना है कि सुरक्षा के मद्देनजर घर छोड़कर निकले हैं। एक पीड़िता ने कहा कि घटना में उसके देवर की मौत हो गई। अगर पुलिस उनकी बात सुन लेती, तो यह घटना नहीं होती।
फिलहाल पूरा गांव पुलिस छावनी बना हुआ है। वहीं, इस मामले को लेकर राजनीति भी गर्म है। भाजपा सहित दूसरे दल ममता सरकार को बर्खास्त करने की मांग करने लगे हैं।
पश्चिम बंगाल के रामपुरहाट के हिंसा प्रभावित इलाके में CCTV कैमरे लगाए जा रहे हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने ने 23 मार्च को 24x7 निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया था।