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नेटफ्लिक्स पर 2 फिल्में देखीं, चाणक्य की किताब पढी...जानिए कोरोना वायरस से ठीक होकर घर आए रोहित की आपबीती
नई दिल्ली. कोरोना वायरस से भारत में भी दहशत का माहौल है। स्कूल-कॉलेज से लेकर मॉल्स तक को बंद कर दिया गया है। लेकिन इस बीच राहत देने वाली खबर यह है कि 117 मरीजों में से 13 ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। ठीक मरीजों में से एक नाम रोहित दत्ता का है, जो दिल्ली के मयूर विहार फेज 2 के रहने वाले हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए अपने उन अनुभवों को बताया, जब वह आइसोलेशन वॉर्ड में थे।
| Updated : Mar 16 2020, 04:18 PM
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दिल्ली में रहने वाले रोहित को 14 मार्च को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। वह अपने घर पर हैं।
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रोहित ने बताया कि आइसोलेशन वॉर्ड, प्राइवेट वॉर्ड के वीआईपी रूम से बेहतर था। वहां सादा और बेहतर खाना मिलता था।
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रोहित ने बताया कि आइसोलेशन वॉर्ड में रहने के दौरान घरवालों से रोज बात हो जाया करती थी। इसके अलावा नेटफ्लिक्स पर दो फिल्में देखीं और चाणक्य की किताबें पढ़ी। इतना ही नहीं, उन्होंने बताया कि आइसोलेशन वॉर्ड में रहने के दौरान कोरोना वायरस से जुड़ी खबरें भी पढ़ता था।
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रोहित ने बताया, कोरोना संक्रमण से पहले तो बहुत डर गया था। परिवार से दूर आइसोलेशन वॉर्ड में अकेले था। होली के दिन भी बस मोबाइल पर सब देख रहा था। लेकिन बाद में डॉक्टर्स के ट्रीटमेंट और उनके साहस को देखकर सब डर दूर हो गया।
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रोहित के मुताबिक, जब मैं डरा हुआ था, उस दौरान मेरे साथ ऐसा कुछ हुआ कि सब अच्छा-अच्छा लगने लगा। दरअसल होली के त्योहार के दौरान घर को बहुत मिस कर रहा था। उसी दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्ष वर्धन से वीडियो कॉल पर बात हुई। मैं उनको अपने सामने देखकर चौंक गया। उन्होंने मुझे होली की शुभकामनाएं दीं और हालचाल पूछा।
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रोहित ने बताया कि 9 और 11 मार्च को डॉक्टर्स ने फिर से सैंपल लेकर जांच की। तब मेरी रिपोर्ट निगेटिव आई। मुझे 14 मार्च को छुट्टी मिल गई। डॉक्टर्स ने कहा कि 14 दिन तक घर से बाहर मत निकलिएगा।
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रोहित ने बताया कि कोरोना का फ्री में इलाज हुआ। कोई पैसा नहीं देना पड़ा। उन्होंने बताया कि दिन में दो तीन बार डॉक्टर्स उन्हें चेक करने के लिए आते थे। 2 बार बेड चादर बदली जाती थी।
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उन्होंने बताया, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, हिम्मत रखिए। आप जल्द ठीकर होकर अपने घर जाएंगे। रोहित ने बताया कि 10-12 मिनट तक बात हुई। उस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी भी हालचाल जानना चाहते हैं। यह सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा।
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रोहित ने बताया कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए सरकार ने बेहतर इंतजाम किए हैं। सैंपल देने में भी किसी तरह का कोई दर्द नहीं होता है। रोहित ने कहा कि कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं कि कोरोना की जांच के लिए ब्लड सैंपल लिया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। सैंपल के रूप में केवल नाक और गले का स्वैब देना होता है।