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राजपथ पर नारी शक्ति: राफेल उड़ाने वाली देश इकलौती महिला पायलट शिवांगी ने दिखाया शौर्य, यूं दी सलामी...
नई दिल्ली. भारत देश आज अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी को यानि इसी दिन 1950 में इस दिन देश का संविधान लागू किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचकर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद राजपथ पर राष्ट्रगान के बाद राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई। इस दौरान राजपथ पर भारत की जांबाज बेटियों ने भी अपना शौर्य दिखाया। जहां राफेल की एकमात्र महिला फाइटर शिवांगी सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सलामी दी। आइए जानते हैं कौन शिवांगी सिंह...
| Published : Jan 26 2022, 12:52 PM IST / Updated: Jan 26 2022, 12:55 PM IST
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दरअसल, पिछले साल सितंबर माह में शिवांगी सिंह फाइटर विमान राफेल के स्क्वाड्रन गोल्डन एरो में पहली महिला फ्लाइट लेफ्टिनेंट के तौर पर शामिल हुई थीं। वह मूल रुप से यूपी की वाराणसी की रहने वाली हैं। शिवांगी मिग-21 भी उड़ा चुकी हैं। उन्होंने अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में इसकी ट्रेनिंग ली है।
बता दें कि शिवांगी भारतीय वायु सेना में 2017 में शामिल हुई थीं। एक महीने के तकनीकी प्रशिक्षण में क्वालीफाई करने के बाद अब वह राफेल की टीम का हिस्सा बन गई हैं।शिवांगी की इस सफलता पर वाराणसी के फुलवरिया स्थित उनके घर पर जमकर जश्न मनाया गया था। इस दौरान मां सीमा सिंह ने कहा था कि उनकी बेटी ने जो सपना देखा था, उसे पूरा किया है। शिवांगी की पोस्टिंग इस समय राजस्थान में है
शिवांगी के बारे में बताया जाता है कि वह बचपन से ही पढ़ने में होनहार थीं। शुरुआती स्कूलिंग के बाद उच्च शिक्षा के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) पढ़ने गई थीं। शिवांगी के पिता कामेश्वर सिंह ट्रैवल्स का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि जुलाई 2016 में मैसूर में शिवांगी ने कॉमन एप्टीट्यूट टेस्ट क्वालीफाई किया। यहीं से उसने एयरफोर्स ट्रेनिंग की शुरुआत की।
शिवांगी विंग कमांडर अभिनंदन के साथ भी काम कर चुकी हैं। वो एयरक्राफ्ट उड़ाने में माहिर है। वह अच्छी एथलीट है। गिटार भी बजाती है। शिवांगी का घर कैंटोनमेंट एरिया में है। उनके परिवार के लोग बताते हैं कि फौजियों को देखकर उसके मन मे देश सेवा का भाव बचपन से था।
शिवांगी के नाना भी फौजी थे। जब वह छोटी थीं तो नाना की ड्रेस को पहना करती थीं। 9 वीं क्लास में थी तो एक बार वो दिल्ली गई थी। तब नाना ने एयरबेस और म्यूजियम घुमाया था। प्लेन देखकर तभी बोली थी, मैं भी इसको उड़ाना चाहती हूं।