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अधजले शवों को घसीटते हुए गाड़ी में डाला...इसके पीछे की दर्दनाक कहानी सोचने पर मजदूर कर देगी
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच अधजले शव को घसीटने का मामला सामने आया है। पश्चिम बंगाल में एक श्मशान घाट पर कुछ शवों को जलाने के दौरान इलाके में बदबू फैल गई। स्थानीय लोगों को लगा कि कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों को जलाया जा रहा है तो उन लोगों ने विरोध किया। नगर निगम के कर्मचारियों ने अधजली लाशें घसीटते हुए गाड़ी में भरा और वहां से लेकर भाग निकले। हालांकि प्रशासन का कहना है कि शव कोरोना के मरीजों का नहीं था बल्कि लावारिस थे।
| Published : Jun 12 2020, 06:32 PM IST / Updated: Jun 15 2020, 11:33 AM IST
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श्मशानघाट से आ रही थी बदबू
अधजली लाशों को खींचकर गाड़ी में भरने के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि कुछ लोग विरोध करते नजर आ रहे हैं। लोगों ने बताया कि उनके घरों में अजीब से बदबू आ रही थी। इसके बाद लोग घर के बाहर निकल आए। उन लोगों ने पाया कि बदबू पास से श्मशानघाट के बाद से आ रही थी।
अधजली लाश लेकर भागे
स्थानीय लोगों ने बताया कि कोलकाता नगर निगम के कर्मचारी गुपचुप तरीके से कोरोना वायरस मरीजों के शव जला रहे हैं। हंगामा हुआ तो नगर निगम के कर्मचारी अधजली लाशों को उठाकर गाड़ी में भरने लगे।
लाश को घसीटते हुए गाड़ी में फेंक दिया
इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि कर्मचारी अधजली लाशों के श्मशानघाट के अंदर से घसीटते हुए बाहर आ रहे हैं और उन्हें बाहर की ओर खड़ी गाड़ी में फेंक रहे हैं।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कहा, बेशर्मी है
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने वीडियो देख चिंता जाहिर की। राज्यपाल प्रशासन की सफाई को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुद्दा यह नहीं है कि शव कोविड-19 मरीज के थे या नहीं। विषय यह है कि मानव शरीर को इतनी बेशर्मी से घसीटा जा सकता है?
प्रशासन ने कहा, वीडियो फर्जी है
पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग और कोलकाता की पुलिस ने वीडियो को फर्जी बताया है और कहा कि वे लाशें एक अस्पताल के मुर्दाघर के लावारिस शव थे।
भाजपा ने कहा, यह अमानवीयता की हद
भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ये अमानवीयता की हद है। किसी की मृत देह को ममताजी आपके राज में जिस तरह घसीटकर गाड़ी में पटका जा रहा है, वो असहनीय है। क्या सरकार इस बात की जवाबदेह नहीं है कि ये कृत्य क्यों किया गया। जनता में भय के साथ पश्चिम बंगाल सरकार के प्रति गुस्सा भी है।