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PHOTOS नागरिकता कानून; बंगाल से दिल्ली तक आग, जानें कैसा है देश के बड़े शहरों का हाल
नई दिल्ली. नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहे। पूर्वोत्तर के बाद अब उत्तर में भी इस कानून का विरोध देखने को मिल रहा है। राजधानी दिल्ली में रविवार को हिंसक प्रदर्शन भी हुए। प्रदर्शनकारियों ने चार बसों को आग लगा दी। इसके बाद दिल्ली पुलिस और जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के बीच झड़प भी हुई।
| Updated : Dec 16 2019, 09:18 AM
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लोकसभा में विधेयक पास होने के बाद से ही इस कानून का विरोध पूर्वोत्तर में शुरु हो गया था। कानून बनने के बाद यह बंगाल से दिल्ली तक पहुंच गया।
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इस कानून के खिलाफ रविवार को लोग कर्नाटक के बेंगलुरु में भी इकट्ठे हुए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह कानून देश तोड़ने वाला और अल्पसंख्यकों के खिलाफ है।
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नागरिकता कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आने वाले अल्पसंख्यकों हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी धर्म के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है।
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कानून के विरोध में बंगाल में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों को अवरुद्ध करने के लिए पेड़ काटकर गिराए, टायरों में आग लगाई। उधर, भीड़ ने यहां के आकरा स्टेशन पर भी तोड़फोड़ की। इसके बाद रेलवे सेवा भी रुकी रही।
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दक्षिण-पूर्वी रेलवे के हावड़ा-खड़गपुर लाइन शनिवार को 10 घंटे तक बंद रही। पूर्वी रेलवे ने रविवार को यहां से गुजरने वालीं 9 ट्रेनों को बंद कर दिया।
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असम में सबसे ज्यादा असर: असम के गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ के कुछ इलाकों में सबसे ज्यादा हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले। यहां कर्फ्यू लगाया गया है। इंटरनेट पर भी रोक है। दिन में कुछ समय के लिए इसमें ढील दी जा रही है।
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नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध को देखते हुए कई राज्यों ने कहा है कि हम इसे लागू नहीं करेंगे। लेकिन यह कानून केंद्र के अधीन है। इसलिए अंतिम फैसला केंद्र सरकार का होगा।
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विरोध करने वाले पूर्वोत्तर के लोगों का मानना है कि इस कानून के लागू होने के बाद अन्य देश से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ जाएगी, इससे उनकी जनसांख्यिकी और भाषाई विशिष्टता प्रभावित होगी।