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अरुणाचल प्रदेश के लिए वरदान साबित होगा यह एयरपोर्ट, शनिवार को PM करेंगे उद्घाटन, देखें खास तस्वीरें
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के पहले ग्रीनफिल्ड एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। ईटानगर के होलांगी में बना डोनी पोलो एयरपोर्ट (Donyi Polo Airport) अरुणाचल प्रदेश के लिए वरदान साबित होगा। इससे देश के दूसरे हिस्सों से अरुणाचल प्रदेश पहुंचना आसान हो जाएगा और राज्य में पर्यटन बढ़ेगा। डोनी पोलो एयरपोर्ट अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर है। यह अरुणाचल प्रदेश का पहला सिविल एयरपोर्ट है। डोनी पोलो एयरपोर्ट से पहले ईटानगर का सबसे करीबी एयरपोर्ट लीलाबाड़ी हवाई अड्डा था। यह असम के उत्तरी लखीमपुर जिले में स्थित है। यहां से ईटानगर की दूरी 80 किलोमीटर है। आगे पढ़ें एयरपोर्ट के बारे में और देखें खास तस्वीरें...
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एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा 645 करोड़ रुपए खर्च कर इस हवाई अड्डे को बनाया गया है। यहां आठ चेक-इन काउंटर हैं। इस ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पर व्यस्त समय के दौरान एक बार में 200 यात्रियों को संभालने की सुविधा है। डोनी पोलो हवाई अड्डे पर 2,300 मीटर लंबा रनवे है। यहां से बोइंग 747 विमान टेकऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। 4100 स्क्वायर मीटर इलाके में फैले इस एयरपोर्ट को हर तरह की सुविधाओं से लैस किया गया है।
नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2019 में एयरपोर्ट के निर्माण के लिए आधारशिला रखी थी। कोरोना महामारी के चलते पैदा हुई चुनौती के बाद भी एयरपोर्ट के निर्माणकार्य को कम समय में पूरा कर लिया गया।
डोनी पोलो एयरपोर्ट अरुणाचल प्रदेश के लिए तीसरा ऑपरेशनल एयरपोर्ट होगा। इसके साथ ही नॉर्थ इस्ट क्षेत्र में हवाई अड्डों की कुल संख्या 16 हो जाएगी। 1947 से 2014 तक इस क्षेत्र में मात्र 9 एयरपोर्ट बनाए गए थे। आठ साल में पीएम मोदी की सरकार ने नॉर्थ इस्ट में 7 हवाई अड्डों का निर्माण कराया है।
नरेंद्र मोदी नॉर्थ इस्ट क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने पर खास ध्यान दे रहे हैं। इसी का परिणाम है कि क्षेत्र में हवाई अड्डों का तेजी से निर्माण हुआ। नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा आठ साल में पांच पूर्वोत्तर राज्यों (मिजोरम, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड) में एयरपोर्ट बनवाए गए, जिसके चलते इन राज्यों के हवाई अड्डों से 75 वर्षों में पहली बार उड़ानें शुरू हुईं।
2014 के बाद उत्तर-पूर्व में विमानों की आवाजाही में 113% की वृद्धि हुई है। 2014 में उत्तर-पूर्व से प्रति सप्ताह 852 विमान आते जाते थे। अब यह संख्या बढ़कर प्रति सप्ताह 1817 हो गई है।