- Home
- National News
- भव्यता पर टिकीं PM की निगाहें, 8 PHOTO में देखें मोदी ने यूं किया नए संसद भवन पर बने अशोक स्तंभ का अनावरण
भव्यता पर टिकीं PM की निगाहें, 8 PHOTO में देखें मोदी ने यूं किया नए संसद भवन पर बने अशोक स्तंभ का अनावरण
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सोमवार को नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय चिह्न (National Emblem) का अनावरण किया। बता दें कि नए संसद भवन की छत पर अशोक स्तंभ की कांस्य प्रतिमा लगाई गई है। यह प्रतिमा 6.5 मीटर ऊंची है। वहीं इसका वजन 9500 किलो है। इस प्रतिमा को सपोर्ट करने के लिए अलग से स्टील का एक सिस्टम भी लगाया गया है।
- FB
- TW
- Linkdin
Follow Us
)
बता दें कि नए संसद भवन की छत पर लगने वाले अशोक स्तंभ चिन्ह को आठ चरणों की प्रक्रिया के बाद तैयार किया गया है। इस प्रतिमा को शुद्ध कांसे से बनाया गया है।
अशोक स्तंभ के अनावरण के मौके पर पीएम मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी भी मौजूद थे। बता दें कि इसे बनाने में 100 से ज्यादा कारीगर और 6 महीने का समय लगा है।
बता दें कि हरदीप सिंह पुरी ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत विजय चौक से इंडिया गेट तक का काम 18 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा।
बता दें कि सेंट्रल विस्टा (नया संसद भवन) मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसकी शुरुआती लागत करीब 971 करोड़ रुपए थी। हालांकि, अब इसका खर्च बढ़कर 1250 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ का अनावरण करने से पहले पीएम मोदी ने विधिवत पूजा-अर्चना की। बता दें कि कांग्रेस ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि जब संसद सारी पार्टियों का है तो संसद से जुड़े कार्यक्रम में दूसरी पार्टियों को क्यों नहीं बुलाया गया।
वहीं, विपक्षी दल सीपीएम ने भी नए संसद भवन की छत पर अशोक स्तंभ के अनावरण के मौके पर पीएम द्वारा की गई पूजा-पाठ पर सवाल उठाए। अशोक चिन्ह हर किसी का प्रतीक है ना कि सिर्फ उनका जो धर्म में आस्था रखते है। इसलिए धर्म को राष्ट्रीय कार्यक्रमों से अलग रखना चाहिए।
बता दें कि मौर्य वंश के तीसरे शासक सम्राट अशोक ने देश के कई हिस्सों में स्तूप और स्तंभ बनवाए हैं। इनमें से एक स्तंभ सारनाथ में है, जिसे अशोक स्तंभ कहा जाता है। यही भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में आजादी के बाद अपनाया गया है।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की बात करें तो इसके पूरे होने की डेडलाइन अक्टूबर, 2022 है। सरकार की ख्वाहिश है कि संसद का अगला शीतकालीन सत्र नए भवन में आयोजित किया जाए। सेंट्रल विस्टा में संसद भवन के अलावा सरकार के तमाम मंत्रालयों से जुड़े ऑफिस भी होंगे।