बंगाल में ममता के खिलाफ फूटा वाम का गुस्सा, पुलिस पर दमन का आरोप लगाते हुए रखा बंद
कोलकाता, पश्चिम बंगाल. विधानसभा इलेक्शन से पहले ही बंगाल में राजनीति की आग भड़कने लगी है। शुक्रवार को लेफ्ट ने 12 घंटे के बंद का ऐलान किया था। हालांकि ज्यादातर इलाके में बंद का मामूली असर दिखाई दिया। हावड़ा ब्रिज सरकारी बसें चलती रहीं, लेकिन कई जगह बाजार बंद रहे। यह बंद गुरुवार को कोलकाता में मार्च पर पुलिस के लाठीचार्ज के विरोध में किया गया था। आरोप है कि इसमें 500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। शुक्रवार को बंद के दौरान वाम समर्थकों ने कचड़ापारा में कई ट्रेनों को रोक दिया।
| Published : Feb 12 2021, 03:11 PM IST / Updated: Feb 25 2021, 10:36 AM IST
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बंद के दौरान सिलिगुड़ी और अन्य जगहों पर कई ट्रेनों रोकी गईं। इस दौरान पुलिस की वाम और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से झड़प भी हुई।
यह तस्वीर सिलिगुड़ी की है। यहां बंद के दौरान दुकानें बंद रहीं। हालांक कुछ इलाकों में इक्का-दुक्का दुकानों खुली रहीं।
बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियां अपनी ताकत दिखाने का प्रयास कर रही हैं। कांग्रेस और वाम दल एक साथ मिलकर युवा शक्ति को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं।
बंद के दौरान वाम दलों और कांग्रेस ने मिलकर अशोकनगर, उत्तर 24 परगना में रोड जाम कर दीं। इस बीच मुजफ्फर अहमद भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा था कि छात्र व नौजवानों की जायज मांगों पर ममता बनर्जी ने ठीक वैसा ही रवैया अपनाया, जो केंद्र सरकार ने टिकरी सीमा पर किसान आंदोलनकारियों के साथ अपनाया था।
(बाजार बंद कराते कार्यकर्ता)
वाम और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कई जगह बसें और अन्य साधन नहीं चलने दिए, इससे लोग परेशान हुए। हालांकि बंद का असर कुछ खास नहीं रहा।
बजार में रैली निकालते वाम और कांग्रेस कार्यकर्ता। पश्चिम बंगाल में वाम और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ने जा रहे हैं।