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पनडुब्बी खंडेरी नेवी में शामिल, 300 किमी दूर दुश्मन को कर सकती है ढेर; जानें इसकी खासियत
मुंबई. भारत की दूसरी सबसे आधुनिक स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन आईएनएस खंडेरी शनिवार को भारतीय नौसेना में शामिल हो गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नेवी चीफ करमबीर सिंह की मौजूदगी में इसे नौसेना को सौंपा। यह सबमरीन मुंबई में तैनात रहकर भारतीय समुद्री सीमा की रक्षा करेगी।
| Published : Sep 28 2019, 12:09 PM
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रक्षा मंत्री ने बताया, खंडेरी स्वोर्ड टूथ फिश (एक प्रकार की मछली) से प्रेरित होकर बनाई गई है। यह मछली गहरे समुद्र में रहकर हमला करती है। इस दौरान राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया कि भारत पर किसी भी प्रकार का कोई हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत की इच्छाशक्ति और नौसेना की बढ़ती हुई ताकत से पड़ोसी देश को समझना चाहिए की भारत कभी भी उसे बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है।
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खंडेरी के भारत में शामिल होने के बाद अब नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। यह पनडुब्बी तट पर रहकर ही 300 किलोमीटर दूर तक दुश्मन जहाज को निशाना बना सकती है। नौसेना को सौंपने से पहले खंडेरी का दो साल तक परीक्षण किया गया।
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खंडेरी पानी के भीतर 40 से 45 दिनों तक रह सकती है। यह स्वदेशी पनडुब्बी एक घंटे में 35 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। साथ ही इसमें 36 क्रू मेंबर्स तैनात रहेंगे। हालांकि, इससे पहले बनी सबमरीन में 60 लोगों की जरूरत पड़ती थी।
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खंडेरी एक बार में 12 हजार किमी की दूरी तय कर सकती है। यह पनडुब्बी 350 मीटर की गहराई तक जाकर बड़े हमलों को अंजाम दे सकती है। इसमें आधुनिक एंटी-सरफेस, एंटी सबमरीन हथियार मौजूद हैं।
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इसकी लंबाई लगभग 67.5 मीटर और चौड़ाई 12.3 मीटर है। खंडेरी में आधुनिक सर्विलांस सिस्टम भी मौजूद है, इससे दुश्मन की गतिविधियों का तुरंत पता लगाया जा सकता है।
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खंडेरी का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में हुआ है। यह अप्रैल 2009 से बन रही है। 12 जनवरी 2017 में इसे लॉन्च किया गया था। 1 जून को इसका समुद्री परीक्षण शुरू हुआ था। सितंबर में टेस्टिंग के बाद इसे नौसेना को सौंपा गया।
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इस पनडुब्बी में कुल 360 बैटरी हैं। इनमें हर-एक का वजन 750 किग्रा है। पनडुब्बी समुद्र में एकदम साइलेंट रहती है, इसमें परमानेंटली मैग्नेटाइज्ड प्रपुल्शन मोटर लगी हुई है। इसमें 6 टॉरपीडो ट्यूब लगे हैं। इसमें से 2 से मिसाइल भी दागी जा सकती हैं।