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मदर्स डे: कभी मां के संघर्ष का जिक्र कर रो पड़े थे पीएम मोदी, तस्वीरों में देखें कैसा है मां से रिश्ता
नई दिल्ली. आज मदर्स डे है। वैसे तो मां-बेटे के लिए साल के सभी 365 दिन मदर्स डे से कम नहीं हैं। मां की ममता और प्यार किसी दिन की मोहताज नहीं। लेकिन मां के संघर्ष और ममता को सम्मान देने के लिए आज का दिन यानी मदर्स डे बनाया गया है। हर मां बेटे की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां हीराबेन का रिश्ता खास है। मदर्स डे के मौके पर हम उसका घटना को बता रहे हैं, जब पीएम मोदी अमेरिका में मां हीराबेन के संघर्ष का जिक्र कर रो पड़े थे। इस लम्हे को देख देश के करोड़ों लोगों का मन भावुक हो गया था।
| Published : May 10 2020, 02:13 PM IST / Updated: May 10 2020, 04:04 PM IST
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वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी छोटी उम्र में ही अपना घर छोड़ दिया था। लेकिन वे अपनी मां हीराबेन के संघर्ष का जिक्र करना नहीं भूलते। अपने 6 बच्चों को पालने के लिए हीराबेन ने दूसरों के घर पर काम किया। दूसरों के घर पर बर्तन कपड़े थोए। उन्होंने खुद कष्ट झेलकर अपने बच्चों को पाला।
पीएम मोदी ने अमेरिका दौरे पर फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग के साथ एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने अपनी मां के संघर्ष का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने बताया था, मेरे पिताजी तो रहे नहीं थे। जब हम छोटे थे तब हमारा गुजारा करने और पेट भरने के लिए वे पड़ोस के घरों में बर्तन साफ करती थीं। घरों में पानी भरती थीं। इतना कहकर पीएम मोदी भावुक हो गए थे। इस क्षण को देख देश के करोड़ों लोगों की आंखे नम हो गई थीं।
पीएम मोदी ने बताया था, उनकी मां की उम्र 90 साल से अधिक है। फिर भी वे अपने काम खुद करती हैं। पीएम मोदी ने बताया था कि उनकी मां पढ़ी लिखी नहीं हैं। लेकिन उन्हें देश दुनिया की सारी चीजों का टीवी से देखकर पता चल जाता है।
पीएम मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले 2014 में अपनी मां हीराबेन से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। उस समय मां सबसे छोटे भाई पंकज मोदी के साथ रहती थीं। इस दौरान पीएम मोदी ने काफी देर तक मां से बात की थी। इस दौरान मां ने पीएम मोदी को मिठाई भी खिलाई थी। इतना ही नहीं हीराबेन ने शगुन के तौर पर 101 रुपए दिए थे।
पिता की मौत के बाद संभाला घर
पीएम मोदी के पिता वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय का ठेला लगाते थे। पीएम मोदी और उनके बड़े भाई सोमा मोदी सरकारी स्कूल में पढ़ाई करने के बाद ठेले पर काम करने पहुंच जाते थे। लेकिन पिता की मौत के बाद सभी की जिम्मेदारी मां के कंधों पर आ गई। उन्होंने दूसरे के घरों में काम करके घर चलाया और सभी बच्चों को पढ़ाया।
पीएम मोदी के साथ कभी नहीं रहीं
मोदी के सभी भाई बड़े होने के बाद काम पर अलग अलग चले गए। लेकिन मां लंबे वक्त तक वडनगर में ही रहीं। हालांकि, पिछले कुछ सालों से वे छोटे भाई पंकज मोदी के साथ अहमदाबाद में रहने लगीं।
खास बात ये है कि पीएम मोदी 13 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे, अब 6 साल से वे प्रधानमंत्री हैं। लेकिन उनकी मां कभी पीएम मोदी के सरकारी आवास पर नहीं रहीं।
17 सितंबर को पीएम मोदी का जन्मदिन होता है। अकसर इस दिन वे अपनी मां से आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। 2017 और 2019 में वे अपने जन्मदिन पर मां का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। 2019 में तो उन्होंने मां के साथ खाना भी खाया था।
इतना ही नहीं पीएम मोदी जब भी गुजरात दौरे पर होते हैं, वे वक्त निकालकर मां से मिलने जरूर पहुंचते हैं।
दूसरी बार सत्ता में आने के बाद भी लिया आशीर्वाद: इतना ही नहीं पीएम मोदी दोबारा सत्ता में आने के बाद 26 मई को मा से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। उन्होंने शपथ लेने से पहले मां का आशीर्वाद लिया था।