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असम का बाढ़ से ये हाल देख चिंतित हुए PM मोदी, मां से मिलने से पहले सुबह 6 बजे CM हिमंत बिस्वा सरमा को किया कॉल
गुवाहाटी, असम. दक्षिण पश्चिम मानसून(southwest monsoon) की सक्रियता ने पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ ला दी है। असम के हालात सबसे अधिक खराब हैं। पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश होने से प्रमुख नदियां उफान पर हैं। राज्य के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण(state disaster management authority) के एक बुलेटिन में कहा गया है कि असम में बारिश से संबंधित घटनाओं में 2 बच्चों सहित 9 और लोगों की मौत हो गई। यहां इस साल बाढ़ और भूस्खलन(landslides) में मरने वालों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है। सबसे अधिक जानें होजई, नलबाड़ी, बजली, धुबरी, कामरूप, कोकराझार और सोनितपुर जिलों में गईं। ASDMA के मुताबिक, राज्य के 28 जिलों में भारी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ और भूस्खलन से कुल 18.94 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भी स्थिति बेहतर नहीं है। वहां भूस्खलन के कारण सड़कें डैमेज हो गई हैं और गांवों में बाढ़ आ गई है। मेघालय में पिछले दो दिनों में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई है।असम में भी दीमा हसाओ, गोलपारा, होजई, कामरूप और कामरूप (महानगर) और मोरीगांव में भूस्खलन की सूचना मिली थी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक tweet के जरिये बताया कि शनिवार सुबह 6 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कॉल करके प्राकृतिक आपदा( natural calamity) को लेकर उनसे बात की और केंद्र सरकार से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। बता दें कि उस समय PM मोदी अपनी मां हीराबेन से मिलने गांधीनगर(गुजरात) स्थित घर गए थे। हीराबेन 100वां जन्मदिन मना रही हैं। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी हिमंत बिस्वा सरमा को फोन किया और उनके साथ स्थिति पर चर्चा की।
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असम-सोनितपुर : जिले के सोनितपुर में भारी बारिश के बाद बाढ़ प्रभावित इलाके से सुरक्षित निकलते लोग। इस दौरान एक नवजात को यूं सुरक्षित ले जाया गया।
असम-बारपेटा: बारपेटा जिले में भारी बारिश के बाद बाढ़ वाले क्षेत्र में यात्रा करने के लिए ग्रामीण अस्थायी नावों का उपयोग कर रहे हैं।
असम-कामरूप: कामरूप जिले में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से बड़ी संख्या में लोग बेघर हुए हैं। ऐसी स्थिति बहुत जगह है।
असम-गोलपारा जिले में भारी बारिश के बाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए ग्रामीण अस्थायी नावों का उपयोग कर रहे हैं।
असम-बजली: जिले में बाढ़ प्रभावित लोग सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए केले के बेड़ा का उपयोग कर हैं। असम में फिर भारी बारिश का अलर्ट है।
असम-दरांग: जिले में भारी बारिश के बाद बाढ़ में डूबी सड़क को पार करते एक जोड़ा। ऐसी स्थितियां असम के कई जिलों में दिखाई देने लगी हैं।
असम- नलबाड़ी: जिले के धम्मधामा में बाढ़ के पानी से बह गई सड़क के एक हिस्से को देखते स्थानीय लोग। अधिकारियों ने बताया कि असम में भारी बारिश से आई बाढ़ में में कम से कम 234 सड़कें और 16 पुल डैमेज हो गए। इस साल बाढ़ की दूसरी लहर ने असम में 2,930 गांवों को प्रभावित किया है, जबकि 1,06,677 लोगों ने 363 राहत शिविरों में शरण ली है।
असम-नगांव: जिले के कामपुर गांव में बाढ़ वाली सड़क से गुजरते हुए ग्रामीण। यह स्थिति कई जगहों पर है। राज्य में ब्रह्मपुत्र, कोपिली, पलादड़िया, जिया-भराली, मानस और बेकी समेत कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
असम-बक्सा: जिले के गोलबिल गांव में पगलाड़िया नदी के पास सड़क बह गई। ऐसे हालात राज्य में कई जगहों पर हैं।
असम- बोंगाईगांव: एसडीआरएफ के सदस्य बोंगाईगांव शहर में बाढ़ प्रभावित इलाके से लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाते हुए।