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आत्मनिर्भर भारत का देसी रक्षक 'Vikrant': 1971 के युद्ध से इसका है गहरा नाता, खूबियां जानकर दुश्मन परेशान
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना (Indian Navy) के विमानवाहक पोत विक्रांत (Vikrant) ने समुद्री परीक्षणों के चौथे चरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। एक ट्वीट में, नौसेना ने कहा कि उसने प्रमुख विमानन घटकों सहित प्रमुख उपकरणों और प्रणालियों का समुद्री परीक्षण किया। आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान अगस्त में इसे कमिशन किया जाएगा। आईए जानते हैं इसकी प्रमुख खूबियां...
| Published : Jul 10 2022, 09:39 PM IST / Updated: Jul 10 2022, 09:42 PM IST
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नौसेना ने बताया कि स्वदेशी विमानवाहक पोत विक्रांत ने आजादी का अमृत महोत्सव में सबसे बड़े स्वदेशी युद्धपोत की डिलीवरी के पहले उसका टेस्टिंग एंड ट्रायल किया गया। एविशएन के प्रमुख इक्विपमेंट्स के साथ साथ उसके सिस्टम का इंटीग्रेटेड ट्रॉयल किया गया। यह टेस्टिंग चौथे चरण की थी।
आईएसी के लिए समुद्री ट्रॉयल का चौथा चरण 10 जुलाई 22 को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस दौरान कुछ एविएशन फैसिलिटी कॉम्प्लेक्स इक्वीपमेंट्स सहित अधिकांश उपकरणों और सिस्टम्स के इंटीग्रेटेड ट्रॉयल किए गए। 22 जुलाई के अंत में जहाज की डिलीवरी का लक्ष्य रखा जा रहा है। 22 अगस्त को 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाने के लिए जहाज को कमिशन किया जाएगा।
एक फोटो में विक्रांत दूर से दिखाई दे रहे हैं तो दूसरी फोटो में एक नेवल ध्रुव हेलीकॉप्टर फ्लाइट डेक के ऊपर मंडराता नजर आ रहा है। फ्लाइट डेक पर एक मिग-29के फाइटर जेट और एक कामोव का-31 हेलीकॉप्टर भी खड़ा देखा गया है।
होममेड एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत भारत का अबतक का सबसे बड़ा और सबसे कांम्प्लेक्स वारशिप है। इसे 1971 के युद्ध में अपने नाम की महत्वपूर्ण भूमिका के 50 साल बाद, पिछले साल अगस्त में अपने पहले समुद्री ट्रायल पर डिजाइन और निर्मित किया गया था।
विक्रांत लगभग 24 रूसी निर्मित मिग -29 के लड़ाकू जेट विमानों के साथ काम करेगा। बता दें कि लड़ाकू विमान जो पहले से ही आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात हैं, वह वर्तमान में नेवी का एकमात्र ऑपरेशनल एयरक्राफ्ट कैरियर है।
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