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भारत ने 20 जवानों की शहादत का बदला लेना शुरू कर दिया, 24 घंटे के अंदर ही चीन के खिलाफ उठाए 4 बड़े कदम
नई दिल्ली. चीन को धोखे का भारत ने जवाब देना शुरू कर दिया है। 24 घंटे के अंदर भारत ने सबसे पहले दूरसंचार विभाग ने राज्य के स्वामित्व वाली भारत संचार निगम लिमिटेड को इसके अपग्रेडेशन में चीन निर्मित उपकरणों का उपयोग नहीं करने के लिए कहा। अब दूसरा बदला चीन को भारत ने रेलवे सेक्टर के जरिए लिया है। एक प्रमुख चीनी इंजीनियरिंग कंपनी से भारतीय रेलवे ने कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने का फैसला किया है। तीसरा बदला कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने 500 चीनी सामानों की लिस्ट जारी कर बहिष्कार का आह्वान कर लिया है। चौथा बदला है कि मोबाइल ऑपरेटर भी चीनी उपकरण का इस्तेमाल न करें, इसके लिए सरकार उन्हें समझाएगी।
| Published : Jun 18 2020, 04:04 PM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:21 PM IST
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15 जून की रात पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। वहीं चीन के भी 40 सैनिक मारे गए हैं। हिंसक झड़प के बाद से ही दोनों देशों में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
चीनी कंपनी को मिले करीब 500 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट में उत्तर प्रदेश में न्यू भूपुर-मुगलसराय खंड में 413 किलोमीटर की दो लाइनों के लिए डिजाइनिंग, आपूर्ति, निर्माण, परीक्षण और कमीशनिंग सिग्नलिंग, दूरसंचार और संबंधित काम का कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था।
चीनी कंपनी 'चाइना रेलवे सिग्नल एंड कम्युनिकेशन' (सीआरएससी) कॉर्प के कॉन्ट्रैक्ट को खत्म करने की तैयारी की जा रही है। सीआरएससी ने 2016 में 400 किलोमीटर से अधिक रेलवे लाइनों में सिग्नलिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था।
लद्दाख बॉर्डर पर चीन-भारत तनाव को देखते हुए सीएआईटी (कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) ने कहा है कि चीन का रवैया देश के हितों के खिलाफ है। इसलिए मेड इन चाइना प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने का आह्वान किया है। इसके लिए सीएआईटी ने 500 से अधिक चीनी उत्पादों की लिस्ट भी जारी की है।
इस लिस्ट में खिलौने, कपड़े, रसोई के सामान, फर्नीचर, हार्डवेयर, जूते, हैंडबैग, लगेज, इलेक्ट्रॉनिक्स, कॉस्मैटिक्स और गिफ्ट आइटम, घड़ियां, रत्न और आभूषण, स्टेशनरी, कागज, स्वास्थ्य उत्पाद और ऑटो पार्ट्स शामिल हैं।
सरकार प्राइवेट सेक्टर के मोबाइल ऑपरेटरों को भी चीनी उपकरणों पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए समझाएगी। माना जा रहा है कि ये कदम चीनी वेंडर्स, जिनमें हुआवेई प्रमुख है, को भारत में 5जी उपकरण व्यवसाय से दूर रखने के लिए उठाए जा रहे हैं।