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इन सबूतों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला, मील के पत्थर साबित हुए ये Photos
नई दिल्ली. अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने एकमत से विवादित जमीन पर रामलला का मालिकाना हक बताया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अयोध्या में मंदिर बनाने का अधिकार दिया है। कोर्ट ने 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन मुस्लिम पक्ष को देने के लिए भी कहा। इस फैसले में एएसआई द्वारा जमा किये गए सबूतों ने अहम रोल निभाया। आज हम आपको तस्वीरों में दिखाने जा रहे हैं कि कैसे सबूतों और गवाहों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने राम लला के पक्ष में फैसला सुनाया। बेंच ने कहा कि एएसआई ने जो खुदाई की थी, उसे नकारा नहीं जा सकता। कोर्ट ने यह भी माना कि मस्जिद के ढांचे के नीचे विशाल संरचना मिली थी, जो गैर इस्लामिक थीं।
| Updated : Nov 09 2019, 07:39 PM
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1992 में विवादित ढांचे को ढहाए जाने के बाद वहां पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
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2010 में अयोध्या में विवादित स्थल पर नमाज अदा कर लौटते दिख रहे नमाजी के साथ हिन्दू साधू की ये तस्वीर एकता की मिसाल है।
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एएसआई द्वारा मुख्य गुंबद के नीचे की गई खुदाई में मंदिर से संबंधित ढांचे मिले थे।
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डॉ आर नागस्वामी, जिनके नेतृत्व में एएसआई ने मुख्य गुंबद के नीचे खुदाई की थी।
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2013 में अयोध्या में आराम करते पुलिसकर्मी।
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2017 में अयोध्या के राम पाड़ी पर दिवाली की तैयारी करते पुलिसकर्मियों की तस्वीर।
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2018 में अयोध्या जमीन विवाद की अगली तारिख तय होने के बाद चर्चा करते दोनों विपक्षी दल के वकील।
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2018 में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान चौकस पुलिस।