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सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं है होली, भारतीय संस्कृति में इससे कहीं ज्यादा है इसके मायने
नई दिल्ली. रंगों का त्योहार कहा जाने वाला होली का त्योहार आ चुका है। पूरे देश में लोगों ने इस त्योहार का जश्न मनाना शुरू कर दिया है। दुनियाभर में इस त्योहार को रंगों के त्योहार के रूप में जाना जाता है, पर यह त्योहार सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं है। भारतीय समाज और संस्कृति में इसके मायने इससे कहीं ज्यादा हैं। यह त्योहार भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक एकता से लेकर हमारी विविधतापूर्ण विरासत को भी दर्शाता है। इस दिन नेक इरादे के साथ किया गया हर काम सफल होता है, जबकि होलिका जैसे लोगों के काम भी गलत इरादों के कारण असफल हो जाते हैं।
| Published : Mar 09 2020, 08:19 PM
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होली के मौके पर सभी लोग अपने पुराने लड़ाई झगड़े भुलाकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं और जमकर होली खेलते हैं।
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होली के मौके पर लोग अपनी जाति, धर्म सब कुछ भूलकर सभी के साथ मिलकर होली खेलते हैं।
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होली के त्योहार के समय किसानों की फसल पक रही होती है और उनके घरों में खुशी का माहौल होता है।
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होलिका दहन के समय सभी लोग अपनी बुरी आदतों को भी होलिका के साथ जला देते हैं।
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होली के दिन अच्छी भावना के साथ किया गया हर काम सफल होता है, जबकि बुरी भावना के साथ किया गया हर काम असफल हो जाता है।
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होली से पहले सभी लोग अपने घरों की साफ सफाई करते हैं।
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होली में पारंपरिक तरीके से रंग खेलने वाले लोग आज भी टेसू के फूल से रंग बनाकर होली खेलते हैं।
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होली के दिन लोग खुलकर रंग लगाते हैं और इस दिन से ही गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है।