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Bengal Violence: यहां भी तालिबान की तर्ज पर 'हिंसक खेल' हुआ था, महिलाओं को नोंचा था; सरेआम हुए थे मर्डर
कोलकाता, पश्चिम बंगाल. विधानसभा चुनाव के बाद बड़े पैमाने पर हुई राजनीतिक हिंसा की ये तस्वीरें किसी भी सभ्य नागरिक को अंदर तक झकझोरकर रख देंगी। ये तस्वीरें अफगानिस्तान में Taliban की क्रूरता का ही एक रूप हैं। बता दें कि कोलकाता HC ने इस मामले की जांच CBI को सौंप दी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(National Human Rights Commission of India-NHRC) ने जुलाई में एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर हाईकोर्ट को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में जिलेवार हिंसा की शिकायतों की संख्या भी है। रिपोर्ट के अनुसार कूचबिहार में 322 हिंसा के मामले, बीरभूम में 314, दक्षिण 24 परगना में 203, उत्तर 24 परगना में 198, कोलकाता में 182 और पूर्वी बर्दवान में 113 हिंसा के मामले सामने आए थे। आगे देखें कुछ तस्वीरें...
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बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। पहली तस्वीर आगजनी की है। दूसरी तस्वीर में भाजपा कार्यकर्ता गोपाल मजूमदार की मां की है। जिन पर हमला हुआ था और बाद में मौत हो गई थी। तीसरी तस्वीर बीजेपी कार्यकर्ता विकास नस्कर की है। वो दक्षिण 24 परगना जिले के सोनारपुर दक्षिण का निवासी था। उस पर हमला हुआ था।
ये तस्वीर भाजपा नेता अरविंद मेनन ने मई में twitter पर शेयर करते हुए लिखा था-राजनीतिक जीत का उत्सव ममता बनर्जी लाशों और रक्त से मना रही हैं। पूरे बंगाल में आतंक का माहौल है। प्रदेश में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और पश्चिम बंगाल की पुलिस एवं सरकार मूक दर्शक बन कर बैठी हुई है।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद मेनन लिखते हैं- कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा की जांच की ज़िम्मेदारी CBI को सौंपा जाना स्वागत योग्य कदम है। यह कोर्ट का ममता सरकार पर अविश्वास भी दर्शाता है।
NHRC की जांच कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी है, उसके अनुसार मनुष्य वध या हत्या के 29 केस पुलिस ने दर्ज किए हैं। जबकि 12 केस महिलाओं से छेड़छाड़ व रेप के हैं। 391 मामलों में 388 केस पुलिस ने गंभीर रूप से घायल किए जाने संबंधित दर्ज किए हैं जबकि 940 लूट-आगजनी-तोड़फोड़ की शिकायतों में 609 एफआईआर दर्ज किए जा सके। धमकी, आपराधिक वारदात को अंजाम देने के लिए डराने संबंधित 562 शिकायतों में महज 130 शिकायतें ही एफआईआर बुक में आ सकी हैं। चुनाव बाद हिंसा की पुलिस के पास कुल 1934 शिकायतें गई जिसमें 1168 केस ही दर्ज किया गया। फोटो साभार-बीबीसी
NHRC की रिपोर्ट के अनुसार उन लोगों ने 311 मामलों में स्पॉट विजिट की है। इसमें केवल 188 मामलों में एफआईआर नहीं किया गया था। जबकि 123 मामलों में जो एफआईआर हुए थे उसमें 33 केसों में पुलिस ने मामूली रिपोर्ट लिखी। (हिंसाग्रस्त एक घर दिखाता भाजपा नेता)
यह तस्वीर भाटपारा के घोषपारा रोड स्थित भाजपा कार्यालय की है। उपद्रवियों ने यहां और कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की थी। बम भी फेंके थे। एक स्थानीय निवासी का कहना था कि TMC के बदमाशों ने उसकी दुकान लूट ली थी। यहां कम से कम 10 बम फेंके गए थे।
ये थीं भाजपा कार्यकर्ता गोपाल मजूमदार की मां। कथित तौर पर आरोप लगाया गया था कि टीएमसी के तीन कार्यकर्ता 27 फरवरी को उत्तरी दमदम के निमता में उनके आवास में घुस गए और उनकी मां पर हमला किया। इनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
बंगाल हिंसा में अपनों को खोने वाले परिजनों से मिलते भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन परिवारों को न्याय की आस जागी है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हिंसाग्रस्त एक मकान को देखते हुए। राजनीति हिंसा में भाजपा कार्यकर्ताओं को बड़े पैमाने पर निशाना बनाया गया था।
ये तस्वीरें मई में भाजपा नेता दिलीप घोष ने twitter पर शेयर करते हुए लिखा था-सोनारपुर उत्तर (बूथ 24) विधानसभा क्षेत्र में 20 से अधिक घरों में तोड़फोड़ की गई है। लोग बेघर और दयनीय स्थिति में हैं। उनसे मुलाकात की और उनकी दुर्दशा के बारे में सुना।
यह फोटो कम्यूनिस्ट नेता सीताराम येचुरी ने tweet करके लिखा था-बंगाल में TMC के 'विजय समारोह' में भीषण हिंसा की ये खबरें निंदनीय हैं।महामारी का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय TMC इस तरह की तबाही मचाती है।