MalayalamEnglishKannadaTeluguTamilBanglaHindiMarathi
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • KEA 2025
  • Home
  • National News
  • कंटेनर में छिपे शख्स को गोलियों से भूना, फिर पत्नी को खिलाए खून से सने चावल...दर्दनाक है ये कहानी

कंटेनर में छिपे शख्स को गोलियों से भूना, फिर पत्नी को खिलाए खून से सने चावल...दर्दनाक है ये कहानी

श्रीनगर. जम्मू कश्मीर में सोमवार को आतंकियों ने कश्मीरी पंडित सरपंच की हत्या कर दी। इस घटना ने एक बार फिर कश्मीरियों पंडितों पर अत्याचार के जख्मों को हरा कर दिया। कश्मीरी हिंदुओं को 90 के दशक में जान बचाने के लिए पलायन करना पड़ा था। लेकिन उनका उत्पीड़न आज भी हो रहा है। कश्मीरी हिंदुओं पर हुआ हत्याचार एक ऐसी कड़वी सच्चाई है, इसे कोई चाहकर भी नहीं भुला सकता। लोगों को जान बचाने के लिए कश्मीर में घर संपत्ति सब रातों रात छोड़ना पड़ा था। अपनी आंखों के सामने हुए इस बर्बरता, लोगों को जिंदा जलते हुए देखा, इन घटनाओं को भले ही 30 साल हो गए। लेकिन अत्याचार का एक मामला सामने आते ही ये सब यादें फिर से ताजा हो जाती हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 10 2020, 03:04 PM
2 Min read
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
18
Asianet Image

बीते साल 14 नवंबर 2019 को कश्मीरी कॉलमिस्ट, राजनीतिक टिप्पणीकार सुनंदा वशिष्ठ ने अमेरिका संसद में ऐसे ही तमाम अत्याचारों का जिक्र किया था। सुनंदा ने कश्मीर पर पाकिस्तान के झूठ की पोल खोलते हुए बताया था कि कश्मीरियों ने उसी तरह का आतंक और अत्याचार झेला, जैसा इस्लामिक स्टेट सीरिया में अंजाम दिया गया।

28
Asianet Image

सुनंदा ने बताया, रातों रात कश्मीर से 4 लाख हिंदुओं ने पलायन किया। उनके पास सिर्फ यही ऑप्शन बचा था, कि भाग जाओ या मारे जाओ। उन्होंने उन जुर्मों का जिक्र करते हुए बताया था, वहां एक नौजवान कश्मीरी हिंदू इंजीनियर को आतंकवाद ने सिर्फ धर्म को लेकर मार दिया। 

38
Asianet Image

उन्होंने बताया कि जब आतंकी उसे मारने आए तो वह चावल के कंटेनर में छिप गए। वह भी जिंदा होता, लेकिन उसके पड़ोसियों ने उसकी पहचान बता दी। आतंकियों ने कंटेनर पर गोलियां बरसाईं।

48
Asianet Image

वे बताती हैं कि वह नौजवान मारा गया। उसकी पत्नी और परिवार वालों को उसी खून से सने चावल को खाने के लिए मजबूर किया गया। उसका नाम बीके गंजू था।
 

58
Asianet Image

सुनंदा ने बताया था कि 19 जनवरी 1990 को मस्जिदों से हिंदुओं के खिलाफ फतवे जारी किए गए थे। महिलाओं से सामुहिक दुष्कर्म के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद उन्हें घाटी से भागकर देश के अन्य भागों में आना पड़ा था। जहां वे आज भी अपने देश में शरणार्थियों के तौर पर रह रहे हैं।

68
Asianet Image

वे बताती हैं कि हिंदुओं के पास उस वक्त सिर्फ तीन विकल्प थे, इस्लाम कबूल करो, मारे जाओ या कश्मीर छोड़कर चले जाओ। इस बात का जिक्र कई बार अनुपम खेर ने भी किया है। 

78
Asianet Image

सुनंदा ने अपनी कहानी बताते हुए कहा था कि उनके दादाजी रसोई का चाकू और कुल्हाड़ी लेकर हमें मारने के लिए इसलिए खड़े थे, क्यों कि वे हमें उस बर्बरता से बचा सकें, जो हमें जिंदा रहने पर हमारा इंतजार कर रही थी। 
 

88
Asianet Image

सुनंदा वशिष्ठ ने बताया था, ''मैं कश्मीर की अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से हूं। मैं यहां इसलिए बोल रही हूं क्यों कि मैं जिंदा हूं। कौन हैं सुनंदा वशिष्ठ: सुनंदा वशिष्ठ एक लेखिका, राजनीतिक टिप्पणीकार हैं। वे पीड़ित कश्मीरी हिंदू हैं। अमेरिका में रहती हैं।  

Asianet News Hindi
About the Author
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है। Read More...
 
Recommended Stories
Top Stories