ASMI: यह है इंडियन आर्मी का नया 33 राउंड मशीन पिस्टल, दुश्मन पर करता है अचूक वार
नेशनल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में 'आत्मनिर्भर भारत' योजना के तहत 'मेक इन इंडिया' अभियान की शुरुआत की गई है। इसका असर इंडियन आर्मी पर भी देखने को मिल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत अब भारतीय सेना भी स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल करके एक से बढ़ कर एक ऐसे हथियारों का निर्माण कर रही है, जो पल भर में दुश्मनों के छक्के छुड़ा सकते हैं। अभी हाल ही में इंडियन आर्मी ने स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर लाइटवेट मशीन पिस्टल एएसएमआई (ASMI) का निर्माण किया है। इस मशीन पिस्टल से 100 मीटर के रेंज में दुश्मन पर अचूक निशाना साधा जा सकता है। इस मशीन पिस्टल का वजन महज 2.1 किलोग्राम है। जानते हैं इसके बारे में।
| Published : Jan 14 2021, 12:44 PM
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स्वदेशी तकनीक से निर्मित एएसएमआई (ASMI) पिस्टल की क्षमता 33 राउंड मैगजीन की है। इसे इंडियन आर्मी और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने एक साथ मिल कर विकसित किया है।
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यह मशीन पिस्टल आईटीबीपी (ITBP), एसएसबी (SSB), सीआरपीएफ (CRPF), सीआईएसएफ (CISF) और बीएसएफ (BSF) को इस्तेमाल के लिए मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा, यह पिस्टल स्टेट पुलिस को भी उपलब्ध कराने की योजना है। इंडियन आर्मी ने इस पिस्टल को दिल्ली कैंट एरिया के इनोवेशन डिस्पले इवेंट में शोकेस किया था।
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कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली कैंट एरिया में आए थे और उन्होंने इसकी क्षमताओं को देखा था। प्रधानमंत्री मोदी ने इंडियन आर्मी द्वारा विकसित इस मशीन पिस्टल को देख कर खुशी जाहिर की थी।
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सेना के एक अधिकारी का कहना है कि अगर सरकार चाहे तो 9 एमएम के पिस्टल की जगह सिक्युरिटी फोर्सेस को यह नई मशीन पिस्टल इस्तेमाल करने के लिए मुहैया कराई जा सकती है। यह पिस्टल इस्तेमाल करने में काफी सुविधाजनक है। यह वजन में हल्की तो है ही, इससे अचूक निशाना लगाया जा सकता है। पिछले 4 महीने में इस पिस्टल से करीब 300 से 350 राउंड फायर किए गए हैं।
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इस पिस्टल की खासियत के बारे में बताते हुए सेना के एक अधिकारी ने कहा कि इस पिस्टल का इस्तेमाल काउंटर इन्सर्जेंसी यानी जवाबी कार्रवाइयों और आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान किया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, एक मशीन पिस्टल के प्रोडक्शन पर 40 हजार से लेकर 50 हजार रुपए तक का खर्च आता है।
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पिछले महीने यानी दिसंबर 2020 में 5.5 एमएमx30एमएम सब-मशीन गन का सफलतापूर्वक ट्रायल किया गया। यह डिफेन्स मिनिस्ट्री का यूजर्स ट्रायल था। सेना के सूत्रों के मुताबिक, होम मिनिस्ट्री ने इस सब-मशीन गन के ट्रायल की और सेंट्रल पुलिस फोर्स के साथ ही कई राज्य सरकारों को भी इसे हासिल करने की अनुमति दे दी है।