• Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • ज्योतिष
  • Home
  • National News
  • वो 40 मिनट, जब कोर्ट ने फैसला सुनाया, सरकार ने आदेश माना और मीडिया के सामने खुला ताला

वो 40 मिनट, जब कोर्ट ने फैसला सुनाया, सरकार ने आदेश माना और मीडिया के सामने खुला ताला

अयोध्या में 1 फरवरी 1986 को विवादित इमारत का ताला खोलने का आदेश फैजाबाद के जिला जज देते हैं। राज्य सरकार चालीस मिनट के भीतर उसे लागू करा देती है। शाम 4.40 पर अदालत का फैसला आया। 5.20 पर विवादित इमारत का ताला खुला।

Asianet News Hindi | Published : Oct 16 2019, 02:06 PM
2 Min read
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
16
Asianet Image
1949 में कुछ लोगों ने विवादित स्थल पर भगवान राम की मूर्ति रख दी और पूजा शुरू कर दी, इस घटना के बाद मुसलमानों ने वहां नमाज पढ़ना बंद कर दिया और सरकार ने विवादित स्थल पर ताला लगवा दिया था।
26
Asianet Image
सिर्फ 40 मिनट में सरकार ने माना कोर्ट का आदेश: हेमंत शर्मा की किताब 'युद्ध में अयोध्या' के मुताबिक, अयोध्या में 1 फरवरी 1986 को विवादित इमारत का ताला खोलने का आदेश फैजाबाद के जिला जज देते हैं। राज्य सरकार चालीस मिनट के भीतर उसे लागू करा देती है। शाम 4.40 पर अदालत का फैसला आया। 5.20 पर विवादित इमारत का ताला खुला। अदालत का ताला खुलवाने की अर्जी लगाने वाले वकील उमेश चंद्र पांडेय भी कहते हैं, ''हमें इस बात का अंदाजा नहीं था कि सब कुछ इतनी जल्दी हो जाएगा।"
36
Asianet Image
पहले से ही दूरदर्शन की टीम थी मौजूद: शर्मा लिखते हैं कि दूरदर्शन की टीम पहले से पूरी प्रक्रिया को कवर करने के लिए वहां मौजूद थी। उस वक्त और कोई दूसरा चैनल नहीं था। लखनऊ से दूरदर्शन की टीम फैजाबाद पहुंची थी। जबकि लखनऊ से फैजाबाद पहुंचने में 3 घंटा लगता है। यानी टीम कोर्ट के फैसले से पहले ही मौजूद थी।
46
Asianet Image
कौन था फैसले के पीछे?: हेमंत शर्मा के मुताबिक, ताला खुलवाने का फैसला सोची समझी राजनीति के तहत तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने लिया था। दरअसल, राजीव गांधी ने यह फैसला शाहबानो मामले में नाराज बहुसंख्यकों को खुश करने के लिए लिया गया था। यह नासमझी भरा पैतरा था। इस पूरे प्रकरण की पटकथा दिल्ली में लिखी गई थी।
56
Asianet Image
शर्मा आगे लिखते हैं उत्तर प्रदेश सरकार को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। हालांकि, मुख्यमंत्री वीर बहादुर से कहा गया था कि वे इस मामले में सीधे तौर पर अरुण नेहरू से संपर्क में रहेंगे। वीर बहादुर ने पद से हटने के बाद खुद इस बात का खुलासा किया था कि अरुण नेहरू राजीव गांधी के परामर्श पर ही मामले का संचालन कर रहे थे।
66
Asianet Image
Asianet News Hindi
About the Author
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है। Read More...
 
Recommended Stories
Top Stories