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मस्जिद में रहने से मौत हो जाएगी तो फिर इससे अच्छी जगह कोई नहीं...तब्लीगी के मौलाना का कथित ऑडियो
नई दिल्ली. निजामुद्दीन तब्लीगी जमात विवाद पर सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह ऑडियो तब्लीगी जमात के मुखिया मोहम्मद साद का है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि अगर यह ऑडियो मोहम्मद साद का है तो बहुत शर्मिंदा करने वाला है। इसमें उन्होंने ऐसी बातें कही हैं, जिसे सुनकर देश के किसी भी नागरिक को गुस्सा आ जाए। उससे पहले बता दें कि निजामुद्दीन मरकज मामले के 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनके नाम मौलाना साद, डॉक्टर जीशान, मुफ्ती शहजाद, एम सैफी, यूनुस और मोहम्मद सलमान है।
| Published : Apr 01 2020, 12:38 PM IST / Updated: Apr 01 2020, 02:07 PM IST
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निजामुद्दीन मामले पर ताजा अपडेट : पुलिस के मुताबिक, मरकज को 1 अप्रैल की सुबह लगभग 3:30 बजे तक खाली कराया गया। इस जगह को खाली करने में 5 दिन लगे। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, 2361 लोगों को मरकज से निकाला गया, इनमें से 617 को अस्पताल ले जाया गया बाकी को क्वारंटाइन किया गया है। ये 617 वो लोग हैं जिनमें किसी तरह के लक्षण हैं। मनीष सिसोदिया ने कहा, सभी लोगों की लिस्ट बनाकर उनके फोन नंबर लेकर पुलिस को दे दिए गए हैं, पुलिस की साइबर सेल इन सब के नंबरों की जांच करेगी और देखेगी कि ये किस-किस से मिले हैं, किस से मिल रहे हैं।
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मैं कहता हूं अगर तुम्हारे तजुर्बे में नजर भी आ जाए कि मस्जिद में आने से आदमी मर जाएगा तो इससे बेहतर मरने की जगह कोई हो नहीं सकती है।
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ऑडियो में कहा जा रहा है कि ये ख्याल बेकार ख्याल है कि मस्जिद में जमा होने से बीमारी पैदा होगी। ये ख्याल बिल्कुल बेकार है।
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सीधी बात। हाय हाय साहबान तमन्ना करते थे काश दावत देते हुए मौत आए। काश नमाजे मत आए। इन्हें नमाज में खतरात नजर आ रहे हैं ये नमाज। इन्हें नमाज में खतरा नजर आ रहा है। नमाज छोड़कर भागेंगे इसलिए ताकि बीमारी हट जाए।
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अल्लाह बीमारी लाए हैं। नमाज छोड़ने की वजह से...सोचिए तो सही कैसी उल्टी सोच है। अल्लाह बीमारी ला रहे हैं। मस्जिदों को छोड़ने की वजह से।
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ये बीमारी हटा रहे हैं मस्जिदों को छोड़ने के जरिए से। सोचिए तो सही कितनी उल्टी सोच है। ये शैतान का रहम और वसा है और गैर लोग हैं जो ऐसे मौकों का फायदा उठाकर दुनियावले हम जानते हैं तुम मौलवी उलेमा क्या जानो?
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बीमारियां दूर कैसे होती हैं वो डॉक्टर जानते ही नहीं सिर्फ उन डॉक्टर की राय काबिल ए कबूल हो सकती है जो डॉक्टर खुद दीनदार हो और अल्लाह से डरने वाला हो और अमल करने वाला हो वो भी अगर ऐसा मशविरा दोता है तो उसकी भी बता नहीं मानी जाएगी।
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आदमी ये कहे कि मस्जिदों को बंद कर देना चाहिए। मस्जिदों को ताले लगा देने चाहिए इससे बीमारी बढ़ेगी इस ख्याल को दिल से निकाल दो।
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कौन हैं मोहम्मद साद : तब्लीगी जमात प्रमुख मोहम्मद साद पहली बार विवादों में नहीं है। इससे पहले उनके खिलाफ दारुल उलूम देवबंद से फतवा जारी हो चुका है। 1965 में दिल्ली में जन्मे साद की पहचान मुस्लिम धर्मगुरु के तौर पर होती है। उनका पारिवारिक संबंध तब्लीगी जमात के संस्थापक मौलान इलियास कांधलवी से है। साद ने अपनी पढ़ाई 1987 में मदरसा कशफुल उलूम, हजरत निजामुद्दीन और सहारनपुर से पूरी की। 1990 में उनकी शादी सहारनपुर के मजाहिर उलूम के प्रिसिंपल की बेटी से हुई।