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Atmanirbhar Bharat:'कोरोनाकाल' में भी इस इंडस्ट्री ने तैयार किया 3700cr का मार्केट, 7 लाख को मिला रोजगार
नई दिल्ली. कोरोनाकाल ने लोगों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया। देश का जूट उद्योग(Coir Industry) इसमें मील का पत्थर बनकर सामने आया है। केंद्र सरकार ने जूट उद्योग को बढ़ावा देने कॉयर उद्योग अधिनियम, 1953 के तहत कॉयर बोर्ड बनाया है। (Coir Board was set up under the Coir Industry Act, 1953) इसका उद्देश्य इस उद्योग से जुड़े लोगों को तकनीकी और आर्थिक सहयोग; खासकर रिसर्च बेस्ड कामकाजी तरीके सिखाना और मार्केट उपलब्ध कराना है। जूट उद्योग में देशभर में 7 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इसमें 80 प्रतिशत महिलाएं हैं। ये महिलाएं देश के तटीय जिलों(coastal districts) के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हाल में गुजरात सरकार की MSME(Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises) मिनिस्ट्री ने 472.73 लाख के 2 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
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कॉयर बोर्ड (Coir Board) का हेड ऑफिस केरल राज्य के कोच्चि में एमजी रोड पर है। इसके देशभर में इस समय 29 मार्केट आउटलेट सहित 48 प्रतिष्ठान हैं। कॉयर बोर्ड पिछले 60 सालों से इस उद्योग को बढ़ाने में लगा है और इसके अच्छे रिजल्ट भी सामने आए हैं। पहले जूट उद्योग सिर्फ केरल तक ही सीमित था। क्योंकि इसके लिए कच्चा मटैरियल(नारियल का जूट) यहीं सबसे अधिक मिलता था। हालांकि अब दूसरे अन्य राज्यों में भी कच्चा मटैरियल आसानी से पहुंचने से उद्योग फल-फूल रहा है।
जूट उद्योग के इस समय देश में 170 रजिस्टर्ड निर्यातक हैं। वर्ष 2020-21 के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में इस उद्योग में 1021 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है। इस समय यह 3778.98 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। 2019-20 के आंकड़ों की तुलना में मूल्य में वृद्धि 37% हो गई है। कॉयर बोर्ड अगले 1-2 सालों के अंदर निर्यात 7000 करोड़ रुपये करने की कोशिश में लगा है।
वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में 5,43,393 मीट्रिक टन के जूट और जूट से बने उत्पादों का निर्यात किया गया जबकि इससे पहले वर्ष की पहली छमाही में 4,93,399 मीट्रिक टन का निर्यात किया गया था। यह निर्यात पिछले वर्ष की समान अवधि में निर्यात किए गए जूट और जूट से बने उत्पाद के मूल्य के संदर्भ में 22.1% की वृद्धि थी जबकि निर्यात की मात्रा के संदर्भ में वृद्धि 10.1% थी। यह रुझान यह दर्शाता है कि वर्ष के आखिर में जूट निर्यात अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच जाएगा।
चीन भारतीय जूट का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश रहा है। उसने भारत के कुल जूट निर्यात में मूल्य के संदर्भ में 23% और मात्रा के संदर्भ में 37% जूट भारत से मंगाए। इन दो देशों के अलावा भारतीय जूट के बड़े आयातक देशों में नीदरलैंड, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया, इटली, जर्मनी और कनाडा आदि शामिल रहे। कोविड महामारी के चलते लगे विश्वव्यापी लॉक डाउन के कारण यूरोपीय देशों और अमरीका में जूट से बने मैट और चटाई की मांग बढ़ी।
निर्यात के अलावा भारतीय बाज़ार में भी जूट से बने उत्पादों की मांग में बढ़ोत्तरी का रुझान देखने को मिल रहा है। कॉयर बोर्ड के देश भर में स्थित शो रूम के माध्यम से इसके प्रॉडक्ट्स की डिमांड बढ़ रही है।