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अमरनाथ यात्रा: जिहादियों से निपटने हमारे ये जवान काफी हैं, यात्री बोले-बाबा की झलक पाने का जुनून, कोई डर नहीं
जम्मू . जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने और फिर कोरोना के चलते 2 साल से कैंसल बाबा अमरनाथ यात्रा फिर से जोरशोर से शुरू हुई। करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बाबा अमरनाथ की यात्रा में इस बार आतंकवादियों द्वारा स्टिकी बम एक बड़ा खतरा है। ये बम गाड़ियों में चिपका दिए जाते हैं। बाद में रिमोर्ट से ब्लास्ट कर दिया जाता है। 30 जून से 11 अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान रिकॉर्ड तोड़ 8 लाख लोगों के पहुंचने की संभावना है। अभी तक 3 लाख लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इतने श्रद्धालुओं की सिक्योरिटी आसान नहीं, लेकिन स्टिकी बम और ड्रोन जैसे हमलों से निपटने भारतीय सेना मुस्तैद है। पहली बार है कि अमरनाथ यात्रा में केंद्र की 350 कंपनियां लगाई गई हैं। इनमें सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (CAPF) के 40 हजार से ज्यादा जवान शामिल हैं।
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उपराज्यपाल मनोज सिन्हा( Lieutenant Governor Manoj Sinha) ने बुधवार को जम्मू शहर के भगवती नगर बेस कैम्प से वार्षिक अमरनाथ यात्रा(1st batch of Amarnath pilgrims) के लिए 4,890 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई। इस जत्थे का अगला बेस कैम्प कश्मीर में पहलगाम और बालटाल में होगा। गुफा मंदिर की 43 दिवसीय तीर्थयात्रा गुरुवार को कश्मीर में जुड़वां आधार शिविरों से शुरू होगी और 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर समाप्त होगी। कोविड महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद वार्षिक अमरनाथ यात्रा नहीं हो सकी थी। इस दौरान सेना मुस्तैद है।
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू शहर में 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के साथ बेस कैम्पों, आवास, रजिस्ट्रेशन, टोकन सेंटरों और उसके आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
यात्रा 30 जून को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किलोमीटर के नुनवान मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर के बालटाल मार्ग से शुरू होगी।
'बम बम भोले' और 'जय बर्फानी बाबा की' के नारों के बीच तीर्थयात्री कड़ी सुरक्षा के बीच वाहनों के काफिले में भगवती नगर आधार शिविर से निकले। जम्मू के मेयर चंदर मोहन गुप्ता, भाजपा नेता देवेंद्र राणा और मुख्य सचिव डॉ अरुण कुमार मेहता सहित राजनीतिक नेताओं और अधिकारियों के साथ सिन्हा ने कश्मीर में जुड़वां आधार शिविरों में तीर्थयात्रियों को ले जाने वाली बसों और अन्य वाहनों के काफिले को झंडी दिखाकर रवाना किया।
तीर्थयात्रियों का पहला जत्था वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गुफा मंदिर के लिए रवाना हुआ। अधिकारियों ने बताया कि पहला जत्था सुबह करीब चार बजे 176 हल्के और भारी वाहनों के काफिले के साथ रवाना हुआ। डीसी और एसएसपी के नेतृत्व में जिला प्रशासन के टॉप अधिकारियों ने जत्थे का स्वागत किया। यह यात्रा उधमपुर और रामबन जिलों से होकर गुजरी।
राजस्थान के बाड़मेर के एक भक्त दलीप सिंह ने कहा, "कोई डर नहीं है, कोई खतरा नहीं है, केवल गुफा मंदिर तक जल्दी पहुंचने और भगवान शिव की एक झलक पाने का बेलगाम जुनून है।" आशा देवी ने कहा, "हम पूरे देश के लोगों से गुफा मंदिर में आने और पूजा करने का आग्रह करते हैं।" वे कानपुर के तीर्थयात्रियों के 40 से अधिक सदस्यीय समूह का हिस्सा हैं।
अधिकारियों के अनुसार, वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक तीन लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। इस साल सरकार ने तीर्थयात्रियों की आवाजाही और सुरक्षा आदि को ट्रैक करने के लिए एक रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान की शुरुआत की है।
जम्मू के सीनियर एसपी चंदन कोहली ने कहा, "जम्मू शहर में आधार शिविरों और ठहरने की जगहों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं। सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है।" तीर्थयात्रियों को ले जाने वाले वाहनों के लिए पुलिस ने विशेष स्टिकर जारी किए हैं। अधिकारियों ने कहा कि बिना स्टिकर के किसी भी वाहन को गुफा की ओर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।