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G20India: ऑल पार्टी मीटिंग में दिखी भारतीय एकता की ताकत और साथ रहकर कुछ कर गुजरने का जूनून
नई दिल्ली. राजनीति स्तर पर विभिन्न पार्टियों में कितना भी मतभेद हो; द्वंद्व हो, लेकिन जब बा दुनिया की अपनी ताकत, अपने मूल्यों के दिखाने की आती है, तो सारे धुरविरोधी नेता भी एक साथ नजर आते हैं। यह दृश्य देखा गया भारत की G20 अध्यक्षता से संबंधित पहलुओं पर चर्चा करने के लिए 5 दिसंबर को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पूरे भारत के राजनीतिक नेताओं की सक्रिय भागीदारी देखी गई। प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत की G20 अध्यक्षता पूरे देश की है, और यह पूरी दुनिया को भारत की ताकत दिखाने का एक अनूठा अवसर है। प्रधान मंत्री ने यह भी बताया कि आज भारत के प्रति वैश्विक जिज्ञासा और आकर्षण है, जो भारत की G20 अध्यक्षता की क्षमता को और बढ़ाता है। देखिए कुछ तस्वीरें...
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प्रधानमंत्री के बोलने से पहले विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने भारत की G20 अध्यक्षता पर अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि(valuable insights) शेयर की। इन नेताओं में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी. देवेगौड़ा, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस. जगन मोहन रेड्डी, भाजपा लीडर सीताराम येचुरी, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के अलावा एडप्पादी के. पलानीस्वामी, पशुपतिनाथ पारस, एकनाथ शिंदे और केएम कादर मोहिदीन शामिल रहे।
गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा भारत की जी20 प्राथमिकताओं के पहलुओं को विस्तार से बताते हुए एक डिटेल प्रजेंटेंशन भी किया गया।
बैठक के दौरान उपस्थित लोगों में मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण, डॉ. एस जयशंकर, पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी और भूपेंद्र यादव भी मौजूद र
प्रधानमंत्री ने टीमवर्क के महत्व पर जोर दिया और विभिन्न जी20 आयोजनों के आयोजन में सभी नेताओं से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि जी20 प्रेसीडेंसी पारंपरिक बड़े महानगरों से परे भारत के कुछ हिस्सों को प्रदर्शित करने में मदद करेगी, इस प्रकार हमारे देश के प्रत्येक हिस्से की विशिष्टता को सामने लाएगी।
भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान बड़ी संख्या में भारत आने वाले आगंतुकों पर प्रकाश डालते हुए प्रधान मंत्री ने पर्यटन को बढ़ावा देने और उन स्थानों की स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की क्षमता पर ध्यान दिया जहां जी20 बैठकें आयोजित की जाएंगी।
भारत ने 1 दिसंबर को आधिकारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी। अगला G20 शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में होगा।
इसी सिलसिले में उदयपुर में रविवार शाम G20 प्रतिनिधियों की पहली शेरपा मीटिंग हुई। हालांकि आफिसियल मीटिंग 5 से 7 दिसंबर तक चलेगी। इसमें शामिल होने G20 देशों के प्रतिनिधि उदयपुर पहुंचे हैं।
बता दें कि G-20 का आयोजन अगले वर्ष 2023 में भारत में होना है। इसकी व्यवस्थाओं के लिए एक पूर्णकालिक शेरपा अमिताभ कांत को नियुक्त किया गया है। शेरपा आयोजन से संबंधित विभिन्न देशी और विदेशी एजेंसियों के बीच कॉर्डिनेशन का का करता है।
G-20 अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष(International Monetary Fund) और विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ 19 देशों तथा यूरोपीय संघ का एक अनौपचारिक समूह है।
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। G20 सभी महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करता है। यह विश्व सकल घरेलू उत्पाद का 80%, वैश्विक व्यापार का 75% और विश्व की 60% आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।
हाल ही में विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs- MEA) ने घोषणा की कि भारत वर्ष 2023 में नई दिल्ली में G-20 समूह के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
गौरतलब है कि G20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
बता दें कि G20 शिखर सम्मेलन 15-16 नवंबर को इंडोनेशिया में हुआ था। G-20 अध्यक्षता 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की थीम से प्रेरित होकर एकता को और बढ़ावा देने के लिए काम करेगी।